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भारत में बच्चे भी स्मोकिंग की लत के शिकार

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भारत में बच्चे भी स्मोकिंग की लत के शिकार

धूम्रपान (स्मोकिंग) स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ये बात हम सभी जानते हैं। ज्यादा स्मोकिंग आपके फेफड़ों को खराब तो करती ही है, साथ ही ये सांस संबंधी बीमारियों को भी बढ़ाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में 15 साल से ज्यादा के 20 करोड़ लोगों को स्मोकिंग की लत लगी है।

स्मोकिंग की आदत हमें शारीरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर बनाती है। यह बीमारियों को खुलेआम न्योता देने जैसा है। धूम्रपान जानलेवा है क्योंकि सिगरेट का सेवन बंद न करने पर आपका पूरा शरीर एक समय बाद खराब हो सकता है।

MyUpchar.com की रिपोर्ट के मुताबिक, सिगरेट का सेवन करना फेफड़ों के कैंसर होने का मुख्य कारण है। लगभग 90% फेफड़ों के कैंसर के मामलों के लिए सिगरेट जिम्मेदार है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।

आइए जानते है कि जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो उसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है…

1. स्मोकिंग का दिमाग पर असर

हमें ये तो पता है कि फेफड़ों पर धूम्रपान का बुरा प्रभाव पड़ता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता कि धूम्रपान दिमाग को भी प्रभावित करता है। इससे आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम में रुकावट आती है। यही सिस्टम आपके दिमाग को नियंत्रित करता है।

तंबाकू और निकोटीन दिमाग की नसों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। ज्यादा सिगरेट पीने से इंसान के सोचने और समझने की क्षमता कम हो जाती है। लंबे समय बाद स्मोकिंग छोड़ने से इंसान को स्ट्रेस एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

2. स्मोकिंग हार्ट के लिए खतरा

सिगरेट का ज्यादा सेवन हार्ट को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान के कारण पूरा कार्डियोवस्कुलर सिस्टम खराब हो जाता है। निकोटीन की शरीर में एंट्री ब्लड वेसल्स की सिकुड़न का कारण बनती है। इससे खून का बहना रुक जाता है।

स्मोकिंग की लत में पड़े लोगों में खून के थक्के जमने और ब्लड प्रेशर की समस्या बन जाती है। ये हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती है। जिन लोगों को पहले ही दिल का दौरा पड़ चुका है, उन्हें इसका ज्यादा खतरा होता है।

3. स्मोकिंग पेट के लिए भी खतरनाक

स्मोकिंग से आपका डाइजेस्टिव सिस्टम भी खराब हो सकता है। बहुत से लोग ये बात नहीं जानते। जैसे ही आप धूम्रपान करते हैं, निकोटीन और तंबाकू आपके मुंह और गले से होते हुए आपके पेट में जाते है। इससे कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी, भूख न लगने जैसी कई परेशानियां होती हैं। साथ ही डायबिटीज होने का भी खतरा रहता है।

\स्मोकिंग की लत से खून के थक्के जमने और ब्लड प्रेशर की समस्या बन जाती है।
4. स्मोकिंग से दांतों को नुकसान

लंबे समय तक ज्यादा धूम्रपान करने से आपके दांतों पर असर पड़ सकता है। इससे पीरियोडोंटाइटिस यानी मसूड़ों का गंभीर इन्फेक्शन हो जाता है। पीरियोडोंटाइटिस में दांतों में सूजन हो जाती है।

इन सबके अलावा स्मोकिंग करने से और भी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। स्मोकिंग के दौरान शरीर में बड़े बदलाव आते हैं और धीरे-धीरे निकोटीन की लत लग जाती है। इसलिए अपने और अपने परिवार की अच्छी सेहत के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाएं।

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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