पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है. चीनी सैनिकों ने एलएसी के पास डेमचक में कुछ भारतीय चरवाहों को अपने जानवरों को चराने से रोक दिया है. सैनिकों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह उनका क्षेत्र है. ये मामला 21 अगस्त का बताया जा रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डेमचक में सीएनएन जंक्शन पर सैडल के पास भारतीय चरवाहों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय सेना के कमांडरों और चीनी सैनिकों के बीच 26 अगस्त को बैठक भी हुई.
बता दें कि भारत और चीन अप्रैल 2020 से इस क्षेत्र में डटे हुए हैं. वहीं, 15 जून 2020 को गलवान में दोनों पक्षों में हुई झड़प के बाद सेक्टर के कई क्षेत्र ‘नो पेट्रोलिंग जोन’ बन गए हैं. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, वहीं भारत ने भी चीन को काफी नुकसान पहुंचाने का दावा किया. इस झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया हुआ है. दोनों देशों ने करीब इस इलाके में 50-50 हजार सैनिक तैनात किए हुए हैं. हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद पिछले साल दोनों देशों ने पैंगोंग और गोगरा से अपनी सेनाओं को वापस ले लिया था. दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन चीन एलएसी पर भारत को उकसाने की कोशिशें कर रहा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि चरवाहे अक्सर इस क्षेत्र में आते रहे हैं. 2019 में भी इस मसले को लेकर दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई थी. सूत्रों का कहना है कि दोनों सेनाओं के बीच इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. यह स्थानीय स्तर पर कमांडरों के बीच मुद्दे को हल करने और एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए एक नियमित बैठक थी. एलएसी पर ऐसी बैठकें प्रोटोकॉल के तहत होती रहती हैं.