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भारतीय मूल के ऋषि सुनक 28 अप्रैल को ब्रिटिश प्रधान मंत्री पद की लेंगे शपथ

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भारतीय मूल के ऋषि सुनक 28 अप्रैल को ब्रिटिश प्रधान मंत्री पद की लेंगे शपथ

कौन जानता था कि जिस देश ने दो सौ साल तक भारत को गुलाम बनाकर रखा, उस देश की बागडोर एक दिन भारतीय मूल के हाथ में है. दरअसल भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वो 28 अक्टूबर को शपथ लेंगे. वो भारतीय मूल के पहले हिंदू पीएम होंगे.

लिज ट्रेस के महज 45 दिनों में इस्तीफा देने के बाद सुनक को रेस में सबसे आगे माना जा रहा था, लेकिन उनकी दावेदारी पर मुहर तब लगी, जब पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने खुद को रेस से अलग कर लिया. सुनक 2015 में पहली बार सांसद बने थे. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2017 में वो दूसरी बार सांसद बने, तो 2018 में थेरेसा सरकार में मंत्री बनाए गए. 2019 में वो तीसरी बार सांसद चुने गए. बोरिस जॉनसन सरकार में वो वित्त मंत्री भी रहे. जॉनसन के हटने के बाद 2022 में वो पीएम पद के उम्मीदवार बने. लेकिन तकरीबन दो माह पहले लिज ट्रेस के हाथों चुनाव हार गए. लिज ट्रेस महज 45 दिन पीएम रहीं और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं. ऋषि का जन्म इंग्लैंड के साउथम्पैटन में हुआ था. सुनक के दादा और दादी भारत से जाकर अफ्रीका में बस गए थे. उसके बाद उनके पिता अफ्रीका से ब्रिटेन चले गए. सुनक के नाना भी पंजाब से तंजानिया गए थे. फिर वहां से वो भी ब्रिटेन चले गए. ब्रिटेन में ही उनके माता-पिता की शादी हुई और वहीं पर सुनक का जन्म हुआ. उन्होंने मशहूर बिजनेसमैन नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के साथ शादी की है. मूर्ति इंफोसिस के संस्थापक रहे हैं. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं.

सुनक 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं. लेकिन उनकी पत्नी अक्षता उनसे कहीं ज्यादा अमीर हैं. सुनक ने पॉलिटिकल साइंस में डिग्री लेने के साथ ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. बतौर वित्त मंत्री उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी. जॉनसन सरकार में उनका एक अलग ही कद था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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