कर्नाटक में बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार मुसलमानों के मुद्दे को लेकर एक बार फिर बेनकाब हो है. दरअसल ग्रेटर बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) की ओर से वक्फ जमीन ईदगाह मैदान को राजस्व विभाग की संपत्ति घोषित कर दिया गया है. बीबीएमपी द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद वक्फ बोर्ड ने कड़ा रुख इख्तियार कर लिया है. वक्फ बोर्ड ने एलान किया है कि ईदगाह की जमीन से सरकारी कब्जा हटवाने के लिए अब संघर्ष किया जाएगा.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, बोर्ड ने रविवार को कहा कि बीबीएमपी का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवमानना है. इसके लिए बोर्ड कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा है. बीबीएमपी के फैसले पर आपत्ति जताते हुए वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा कि बोर्ड कानूनी लड़ाई लड़ेगा. सादी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1965 में फैसला दिया था कि ईदगाह मैदान वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. इसलिए फैसला मान्य नहीं है और यह आदेश अदालत की अवमानना है.
शफी सादी ने कहा कि हम अब कानूनी विशेषज्ञों से संपर्क कर रहे हैं. बीबीएमपी ने पहले कहा था कि संपत्ति उनकी नहीं है, लेकिन शनिवार को उन्होंने एक आदेश जारी कर कहा कि ईदगाह मैदान राजस्व विभाग की संपत्ति है. वक्फ बोर्ड ने बीबीएमपी के साथ खाता (संपत्ति कानूनी दस्तावेज) के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. संयुक्त आयुक्त श्रीनिवास ने वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर ईदगाह मैदान के स्वामित्व का दावा करने के लिए दस्तावेज जमा करने को कहा था.
बीबीएमपी ने दस्तावेज पेश करने के लिए दो महीने का समय दिया था. चूंकि वक्फ बोर्ड आवश्यक दस्तावेज पेश करने में विफल रहा. लिहाजा, बीबीएमपी ने खाता जारी करने से इनकार कर दिया और कर्नाटक राजस्व विभाग को भूमि का डिफॉल्ट मालिक घोषित कर दिया. चामराजनगर नागरिक मंच ने ईदगाह मैदान परिसर में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए आवेदन दिया था. कुछ महीने पहले जब बीबीएमपी ने वक्फ से संबंधित दस्तावेज जमा करने को कहा था, तो विवाद शांत हो गया था.