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बीजेपी का सवाल और हामिद अंसारी का जबाव 

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बीजेपी का सवाल और हामिद अंसारी का जबाव 

  बीजेपी ने एक पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के उन दावों को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें पत्रकार ने कहा था कि उसने संप्रग सरकार के कार्यकाल में पाच बार भारत की यात्रा की और यहां से एकत्रित संवदेनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई को उपलब्ध करायीं. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा की उस कथित टिप्पणी का भी उल्लेख किया कि उन्होंने अंसारी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा की थी और उनसे मुलाकात भी की थी.

मुलाकात के दावे पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने बयान में कहा कि मैने कभी पाकिस्तानी पत्रकार को नहीं बुलाया, न ही मै उनसे कभी मिला हूं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह मीडिया और बीजेपी द्वारा झूठ फैलाया जा रहा है। 11 दिसंबर 2010 को आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ जूरिस्ट के उद्घाटन के मौके पर हुई मुलाकात के दावे पर उन्होंने कहा कि सरकार की सलाह पर विदेश मंत्रालय द्वारा मेहमानों को बुलाया जाता है. वहीं, कॉन्फ्रेंस के दौरान आयोजकों द्वारा मेहमानों की सूची तैयार की जाती है.

बयान में अंसारी ने लिखा कि बतौर भारत के उपराष्ट्रपति विदेशी मेहमानों को बुलाने का फैसला सरकार का होता है. वहीं, ईरान में भारत का राजदूत रहने के दौरान मेरे कामकाज सरकार की जानकारी में है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर मैं प्रतिबद्ध हूं और ऐसे बयानों से खुद को दूर रखता हूँ. मुझे संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी सदस्य भी बनाया गया था, जहां मेरे काम को दुनिया ने सराहा है.

दरअसल भाटिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल मिर्जा के साक्षात्कार के वीडियो से पता चलता है कि उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत में आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लिया था, जिसे अंसारी ने भी संबोधित किया था. भाटिया ने कहा, भारत के लोग आपको इतना सम्मान दे रहे हैं और आप देश को धोखा दे रहे हैं. क्या यह देशद्रोह नहीं है? उन्होंने कहा कि मिर्जा ने पाकिस्तान में एक साक्षात्कार में दावा किया है कि अंसारी ने 2005-11 के दौरान उन्हें पांच बार भारत आमंत्रित किया था और बेहद संवेदनशील और गोपनीय जानकारी साझा की थी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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