बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के निशाने पर हैं. कभी उनके सखा रहे बीजेपी वाले सुशील मोदी अब उनपर कोई वार करने से नहीं चूक रहे हैं. जैसे ही छपरा के ग्रामीण इलाकों में 30 लोगों की मौत मंगलवार और बुधवार को हुई बिहार की राजनीति में उफान आ गया. कहा जा रहा कि ये सभी मौते जहरीली शराब पीने से हुई है. ऐसा संभव भी है. बिहार में एक तरफ शरबबंदी का तमाशा है तो दूसरी तरफ शराब माफियाओं का खेल. और पीने वालों को भला कौन रोक सकता है ? इसी खेल में हजारो लोग जेल में बंद होते हैं लेकिन सच ये भी है कि आज भी हर महीने लाखों लीटर शराब पुलिस पकड़ती है. पुलिस भी इस खेल में शामिल है. और नकली शराब माफिया भी. शराब के नाम पर नकली जहरीली चीजे बेचीं जाती है, और पीने वाले मौत को गले लगाते रहे हैं. पिछले पांच साल में ही करीब हजार से ज्यादा लोगों की मौत नकली शराब पीने से हुई है. ऐसे में सवाल ये भी है कि शराबबंदी जरुरी है या नहीं ? और है भी तो सख्ती क्यों नहीं ? और अगर सख्ती के बाद भी शराब लोगों तक पहुँच रही है तो सरकार करती क्या है ? अब नीतीश कुमार निशाने पर हैं.
जो खबर आ रही है उसके मुताबिक़ बिहार में छपरा के मशरक थाना क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 30 हो गई है. बताया जा रहा है कि ये सभी मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं. पीड़ितों के परिवार वाले देसी शराब पीने की बात कह रहे हैं. इनका इलाज करने वाले डॉक्टर्स का भी मानना है कि शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि बीमारी और मौत की वजह जहरीली शराब है. प्रशासन स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह रहा हैं, लेकिन आशंका से इनकार भी नहीं कर रहा है. 13 से 15 तारीख के बीच ये सभी मौतें हुई हैं. छपरा सदर अस्पताल में अभी भी कम से कम आधा दर्जन लोग गंभीर हालत में भर्ती हैं. दो दर्जन से ज्यादा लोग कई निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. ऐसे में आशंका है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है. मरने वालों में अधिकतर गरीब और मजदूर हैं. अस्पताल में कई मरीजों ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वो अक्सर शराब पीते हैं और उन्हें गांव में ही शराब मिल जाती है.
मशरक, इसुआपुर और अमनौर गांवों में हालत यह है कि कोई एम्बुलेंस गाड़ी आते ही लोग सहम जाते हैं. हर बार मरीज के बदले लाश ही उतरती है. कई घरों के बाहर सफेद कपड़े में लिपटी लाशों के बीच गांव में सन्नाटा है. परिजनों की सिसकियां ही इस सन्नाटे को तोड़ रही हैं. मारे गए 30 लोगों में से कई के परिवार वाले चुपके से अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं, जबकि 22 शवों का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार हुआ है.
बिहार के सारण जिले के छपरा थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में एसपी एस कुमार ने बताया, “शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. ये संदिग्ध मौतें लग रही हैं. मुझे यह भी जानकारी मिली है कि कुछ और लोगों का अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है.” शुरुआती तौर पर एसपी ने तीन मौतों की पुष्टि की थी. लेकिन, मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई. वहीं, बिहार के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.