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बिहार में नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठी 

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बिहार में नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठी 

बदलती राजनीति में विपक्ष जहां एकता के जरिये अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने की तैयारी कर रहा है, वही बिहार में नीतीश सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी उठने लगी है. बीजेपी और चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. और सरकार को फौरन बर्खास्त करने की मांग की है. बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, और राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए बिहार सरकार को बर्खास्त करने की मांग की.

पासवान ने शाह को अपनी पार्टी का ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सरकारी संरक्षण में शराब माफिया फल-फूल रहा है, राज्य में जहां शराबबंदी है. वहां बड़ी संख्या में लोग जहरीली शराब पीने से मर रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है.”

उन्होंने शाह को सौंपे गए पत्र को ट्विटर पर साझा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि और खनन माफिया को राज्य सरकार से संरक्षण मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अपराधियों का बोलबाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कटु आलोचक चिराग ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.

चिराग, नीतीश कुमार के विरोध के कारण 2020 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर हो गए थे. नीतीश कुमार के राजग से बाहर निकलने के साथ ही अब चिराग बीजेपी के करीब आ गए हैं. और राज्य में हाल के उपचुनावों में अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार भी किया है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन जल्द ही औपचारिक रूप ले सकता है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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