Home जुर्म बिहार में जहरीली शराब से अबतक 82 लोगों की मौत, 293 लोगों की हुई गिरफ़्तारी 

बिहार में जहरीली शराब से अबतक 82 लोगों की मौत, 293 लोगों की हुई गिरफ़्तारी 

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बिहार में जहरीली शराब से अबतक 82 लोगों की मौत, 293 लोगों की हुई गिरफ़्तारी 

बिहार में जहरीली शराब का तांडव जारी है. मरने वालों की संख्या जहां 82 तक पहुँच गई है, वही शराब माफिया को पकड़ने के लिए पटना से सारण तक छापेमारी जारी है. इस धंधे से जुड़े 293 लोगों की गिरफ्तारी अबतक गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन चौंकाने वाली बात तो यह है कि नकली शराब की सप्लाई अभी तक जारी है.

जानकारी के मुताबिक़ सबसे ज्यादा सारण जिले में 75 लोगों की मौत हुई है, तो वहीं सीवान में पांच और बेगूसराय में दो लोगों की जान गयी है. शनिवार को सात और लोगों की मौत हो गयी. इसके अलावा अब भी 11 लोग सदर अस्पताल में इलाजरत हैं. कई लोगों का इलाज पटना में भी चल रहा है. हालांकि, प्रशासन ने अभी तक सिर्फ 38 मौत की पुष्टि की है.

बता दें कि मंगलवार की रात से ही जिले के इसुआपुर, मशरक व अमनौर प्रखंड में संदिग्ध मौत का सिलसिला शुरू हो गया था. शराब से हुई मौतों के बाद राजधानी पटना से लेकर सारण तक प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. पुलिस अब भी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. 293 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. इसके बावजूद जहरीली शराब की खेप अब दूसरे प्रखंडों में भी पहुंच चुकी है. जिले के तरैया, मढ़ौरा, परसा और बनियापुर में भी कुछ लोगों की मौत होने और कुछ के बीमार होने की सूचना आ रही है.

सारण जिले में लगातार हो रही मौत और लोगों के बीमार पड़ने के बाद जहरीली शराब बेचने में संलिप्त धंधेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. एसपी संतोष कुमार ने बताया कि एसआईटी ने इस मामले में शराब माफिया अनिल सिंह को गिरफ्तार किया है. उसकी निशानदेही पर आठ धंधेबाजों को पकड़ा गया. इन सभी से सघन पूछताछ की जा रही है. पूरे जिले में ऑपरेशन क्लीन ड्राइ शुरू है. महा अभियान चलाकर शनिवार को ही 60 गिरफ्तारियां हुई हैं. वहीं, 1200 लीटर शराब भी जब्त की गयी है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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