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बिहार गर्भाशय घोटाले की सीबीआई करेगी जांच

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बिहार गर्भाशय घोटाले की सीबीआई करेगी जांच

बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सीबीआई के आमद की धमक सुनाई पड़ने लगी है. बिहार में अब गर्भाशय घोटाले की जांच के लिए सीबीआई तैयार है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बड़े पैमाने पर हुए इस घोटाले की जांच के लिए गुरुवार को सीबीआई ने पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हामी भर दी. इस मामले में आगामी 18 अगस्त को अहम फैसला आएगा. बीमा योजना का लाभ लेने के लिए 46 हजार से अधिक महिला व पुरुषों के गर्भाशय निकाल लिये गये थे.
बता दें कि 2011 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की. इस योजना के तहत वैसे परिवार जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं. उनका 30 हजार तक का इलाज होना था. बिहार के 350 अस्पताल इसके लिए चयनीत किये गये थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूबे के 45 अस्पतालों और 13 डॉक्टरों ने मिलकर 46 हजार से अधिक महिला व पुरुषों के गर्भाशय निकाल लिये. जमुई के 83 पुरुषों के गर्भाशय निकाले गये थे. 703 ऐसी महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिये गये थे, जिनको सर्जरी की कोई आवश्यकता ही नहीं थी. इनमें राशि गबन किया गया था.
गर्भाशय घोटाला मामले में वर्ष 2015 में याचिका दायर की गयी थी. जिसके बाद कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में जांच के आदेश दिये थे. सरकार की ओर से दोषी डॉक्टरों व अस्पतालों पर कानूनी कार्रवाई करने की अर्जी दी गयी थी. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ कह दिया था कि इस मामले में याचिकाकर्ता जब चाहें आ सकते हैं.
याचिकाकर्ता 2022 में फिर अदालत के समक्ष आए और बताया कि इस मामले में अभी तक कुल 41 प्रतिशत जांच ही हुई है. जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर सीबीआई जांच के आदेश दिये. गुरुवार को सीबीआई ने कोर्ट के समक्ष इस मामले में जांच करने की हामी भी भर दी.
बताते चलें कि पिछली सुनवाई में अदालत ने सीबीआई को कहा था कि आप इस मामले की जांच करें नहीं तो आदेशित किया जाएगा. अब गुरुवार को हुई इस सुनवाइ में सीबीआइ ने जांच के लिए हरी झंडी दे दी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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