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बंगाल में सियासी खेल जारी, ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार

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बंगाल में सियासी खेल जारी, ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने किया गिरफ्तार

ममता बनर्जी कैबिनेट में कद्दावर मंत्री और सीएम के करीबी पार्थ चटर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. करीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद चटर्जी पर ये कार्रवाई की गई है. उन पर शिक्षक भर्ती घोटाले का आरोप है. चटर्जी के घर के बाहर सीआरपीएफ की तैनाती की गई है.
शुक्रवार को ईडी की टीम ने पार्थ चटर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, एमएलए माणिक भट्टाचार्य के घर समेत 13 जगहों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान चटर्जी की करीबी और बंगला एक्ट्रेस अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपए कैश मिले थे. ईडी अधिकारियों ने 500 और 200 के नोटों को गिनने के लिए काउंटिंग मशीन की मदद ली थी.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में बीते शुक्रवार यानी कल पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी के परिसरों पर छापेमारी की. इस दौरान ईडी ने करीब 20 करोड़ रुपए की नकद राशि जब्त की. इस करीबी का नाम अर्पिता मुखर्जी बताया जा रहा है. गौरतलब है कि इस मामले में ईडी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “इस धन के एसएससी घोटाले से जुड़े होने का संदेह है.”
नोट की बरामदगी इतनी बड़ी मात्रा में की गई है कि जांच अधिकारियों को नोटों को गिनने के लिए नोट गिनने वाले मशीन के साथ बैंक अधिकारियों की भी मदद लेनी पड़ी. ईडी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अर्पिता मुखर्जी के परिसर से छापेमारी के दौरान करीब 20 मोबइल फोन भी मिले है. ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन मोबाइल फोन का इस्तेमाल किस लिए किया जाता था. ईडी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि और भी कुछ अन्य नेताओं के घर पर भी छापेमारी की गई है.
आपको बता दे कि अर्पिता मुखर्जी को पार्थ चटर्जी की काफी करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है. ऐसा शक जताया जा रहा है कि बरामद किए गए पैसों का संबंध एसएससी घोटाले से हो सकता है. गौरतलब है कि छापेमारी के दौरान ईडी ने कई जगहों से आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ संदिग्ध कंपनियों की जानकारी भी बरामद की है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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