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प्रतिपक्ष के नेता पद से खड़गे का इस्तीफा, अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हुए दिग्विजय और चिदंबरम 

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प्रतिपक्ष के नेता पद से खड़गे का इस्तीफा, अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हुए दिग्विजय और चिदंबरम 

 

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बने खड़गे ने राज्यसभा प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि अध्यक्ष पद के तीन उम्मीदवारों में से खड़गे का चुनाव जीतना तय है. लेकिन खड़गे के इस्तीफे के बाद की राजनीति अब कांग्रेस को विचलित कर सकती है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मल्लिकार्जुन खड़गे का राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने के बाद इसकी रेस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम शामिल हैं. बता दें कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार 30 सितंबर को समाप्त हो गई है.

नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के एक दिन पहले बड़े ही नाटकीय तरीके से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने नाम का ऐलान किया. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा यह भी जा रहा है कि खड़गे पर गांधी परिवार का हाथ है. और वो भी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तरह गांधी परिवार के रिमोट कंट्रोल से चलने वाला अध्यक्ष बनकर रह जाएंगे. आगे इसे देखना बाकी है.

सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस्तीफा का यह कदम अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के एक दिन बाद उठाया है. करीब 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. उन्होंने यह कदम मई में उदयपुर में आयोजित ‘चिंतन शिविर’ में तय ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के अनुरूप उठाया है. सूत्रों ने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार रात अपना इस्तीफा सौंपा.

पार्टी के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, माना यह जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदबंरम और दिग्विजय सिंह राजसभा में नेता प्रतिपक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं. गौरतलब है कि शुक्रवार को स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुख्य मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच होगा. खड़गे कर्नाटक के दलित नेता है और इस पद के लिए प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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