Home देश पैगम्बर पर टिप्पणी : देश में फैली हिंसक घटनाओ पर गृहमंत्रालय ने राज्यों को किया सतर्क 

पैगम्बर पर टिप्पणी : देश में फैली हिंसक घटनाओ पर गृहमंत्रालय ने राज्यों को किया सतर्क 

0
पैगम्बर पर टिप्पणी : देश में फैली हिंसक घटनाओ पर गृहमंत्रालय ने राज्यों को किया सतर्क 

 

अखिलेश अखिल

 

किसी भी धर्म को अपमानित करने का जो अंजाम होता है उसकी बानगी अभी देश भुगत रहा है. बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने पैगम्बर के बारे में विवादित बयान दिया. देश के कई राज्य हिंसा ग्रस्त हो गए. उत्तर से लेकर दक्षिण के राज्य इस हिंसा से पीड़ित हैं. यह बात और है कि बीजेपी ने नूपुर और नवीन जिंदल को पार्टी से निलंबित किया और बाहर निकाल, लेकिन समाज के भीतर जो मैसेज गया, भला उसे कौन निलंबित करेगा ? बीजेपी की राजनीति अब तक ऐसे ही चल रही थी. चुनाव जीतने का यह उसका बड़ा हथियार था. हिन्दू – मुसलमानो में भेद पैदा कर राजनीति का ध्रुवीकरण बीजेपी करती रही है. लेकिन शायद अब देश के लोगों को यह भान हो रहा है कि इस देश का मिजाज वह नहीं है जो बीजेपी चाह रही है. यह सेक्युलर देश किसी पार्टी के इशारे पर नहीं चलता, संविधान से ही चलता है.

नूपुर और नवीन के विवादित बयान से देश तो हिंसक हुआ ही है, दुनिया भर में भारत की फजीहत भी खूब हो रही है. खाड़ी के देश जो कल तक हमारे साथ चल रहे थे, अब भारत के खिलाफ खड़े हैं. इसका अंजाम क्या होगा कौन जाने ! लेकिन सबसे अहम बात तो यह है कि जिस तरह से पैगम्बर साहब के खिलाफ टिप्पणी बीजेपी के नेताओं ने की है और उसके बाद देश में जो उपद्रव मचा है उसे तुरंत नहीं रोका गया तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. देश के कई राज्यों में हिंसा की कई घटनाओं की सूचना मिलने के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को एक बयान जारी किया. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों को तैयार और सतर्क रहने को कहा है. मंत्रालय ने कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा सकता है.

एक अधिकारी ने कहा, “हमने तैनात पुलिसकर्मियों को कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उचित दंगा गियर में रहने के लिए कहा है. देश में जानबूझकर शांति भंग करने का प्रयास किया जाएगा. पुलिस और यदि आवश्यक हो तो अर्धसैनिक बल को भी अलर्ट मोड पर रहने की आवश्यकता होगी ताकि वो किसी भी अप्रिय स्थिति का मुकाबला कर सकें.

उन्होंने बताया कि भड़काऊ भाषण देने वाले तत्वों पर नजर रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा, “हमने राज्य पुलिस से हिंसा और भड़काऊ भाषणों के लाइव वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान करने को कहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें.”

गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों से एहतियाती कदम उठाने, सीमाओं पर नजर रखने और संवेदनशील इलाकों की पहचान करने को कहा है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंसा भड़कने और मुरादाबाद, सहारनपुर और फिरोजाबाद में विरोध प्रदर्शन के बाद यह आदेश जारी किया गया है. गौरतलब है कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की विवादास्तपद टिप्पणी के खिलाफ राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, पंजाब, हैदराबाद और गुजरात सहित कई अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए.

Previous article पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के निधन की खबर को परिवार ने बताया गलत, कहा तबियत में हो रहा है सुधार
Next article राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत, यूपी के तीन कोंग्रेसी पहुंचे राज्यसभा 
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here