Home ताज़ातरीन पैगंबर मुहम्मद के अपमान पर जमीयत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का राज्यों सरकारों को निर्देश

पैगंबर मुहम्मद के अपमान पर जमीयत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का राज्यों सरकारों को निर्देश

0
पैगंबर मुहम्मद के अपमान पर जमीयत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का राज्यों सरकारों को निर्देश

 

उच्चतम न्यायालय ने पैगंबर मुहम्मद साहब के अपमान को लेकर गुरुवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया है. अदालत ने अपने निर्देश में राज्य सरकारों से कहा है कि वह इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अपनी कार्रवाई से सम्बंधित रिपोर्ट तीन हफ्ते के अंदर कोर्ट में दाखिल करें.

 

समाचार एजेंसी “दि रिपोर्ट न्यूज़” के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने जीमयत उलेमा-ए-हिंद समेत केस से जुड़े अन्य याचिकाकर्ताओं को भी आदेश दिया कि वह भी पैगंबर मुहम्मद साहब के खिलाफ नफ़रत और अपमानित करने वाली सभी चीजों और घटनाओं को प्रदर्शित करने वाला चार्ट तैयार करें और एक सप्ताह के भीतर अपने अपने राज्य के अधिकारियों को सौंप दें. ताकि वो अदालत को बता सकें की इस संबंध में किया कार्रवाई की गई है. इसके बाद एक हफ्ते के अंदर नोटिस का जवाब दाखिल किया जाए. इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह के बाद का समय निर्धारित किया है.

 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सितंबर 2021 में त्रिपुरा में सामूहिक रूप से इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद साहब का अपमान किए जाने के बाद अदालत में दस्तक दी थी. और यह अपील की थी कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी नहीं किया गया, तो देश में ऐसी घटनाओं को बार बार दोहराया जाएगा. जो न सिर्फ तकलीफ पहुंचाने वाला होगा, बल्कि देश के लिए कठिन परिस्थितियां पैदा करने का सबब बनेगा. अर्जी में कहा गया था कि आज देश में जो भी परिस्थितियां हैं, वह जमीयत उलेमा-ए-हिंद की पहले से दी गई चेतावनी को अनदेखा किए जाने का नतीजा हैं और इसके लिए सरकारों का ऐक्शन ना लिया जाना भी जिम्मेदार है.

Previous article मुफ्त इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू करेगी दिल्ली सरकार, मुख्यमंत्री केजरीवाल का ऐलान
Next article राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद बोलीं द्रौपदी मुर्मू, भारत में हर गरीब के सपने पूरे होते हैं
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here