Home ताज़ातरीन पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अग्निपथ योजना को बताया देश के लिए खतरनाक 

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अग्निपथ योजना को बताया देश के लिए खतरनाक 

0
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अग्निपथ योजना को बताया देश के लिए खतरनाक 

मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं. वो लगातार मोदी सरकार की आलोचनाएं कर रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार से रक्षा बलों में संविदा नियुक्ति तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना देश के लिए ‘बेहद खतरनाक’ है. जयपुर में मीडिया से बात करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को नहीं पता है कि वो देश को कितना नुकसान पहुंचा रही हैं. अग्निपथ एक बहुत ही खतरनाक योजना है. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए और पेंशन जैसी सुविधाओं के साथ पूर्णकालिक नौकरी योजना वापस लानी चाहिए.”

सत्यपाल मलिक ने बीजेपी के ‘गुजरात मॉडल’ पर भी निशाना साधते दिखे. उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल कुछ भी नहीं है. इसमें समान गरीबी है. मलिक ने कहा कि गुजरात में कोई स्वर्ग नहीं है. किसान पीड़ित हैं. बेरोजगारी है और चिकित्सा सुविधा नहीं है. स्कूल भी ठीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों से किए गए अपने वादे पर कायम रहना चाहिए. मलिक ने चेतावनी दी कि अगर एमएसपी लागू नहीं किया गया तो आंदोलन शुरू हो जाएगा.

बता दें, इससे पहले हरियाणा के रेवाड़ी में मंगलवार को सत्यपाल मलिक ने गुजरात और हिमाचल चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की थी. सत्यपाल मलिक ने कहा था कि यह सब मीडिया का खेल है, कोई मोदी-मोदी नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां बीजेपी की सीटें घटेंगी. लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी का पता ही नहीं चलेगा. मलिक यहीं नहीं रुके थे. इसके बाद उन्होंने दावा था किया कि भारतीय जनता पार्टी बंगाल, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान में भी चुनाव हारेगी.

केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए मलिक ने था कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं के दाम बढ़ेंगे. इससे पहले ही अडाणी के लिए पानीपत में गोदाम बनवा दिए गए. किसानों की फसलों का सही दाम नहीं मिला. जब आंदोलन खत्म हुआ तो कुछ मुख्य मांगे थी. केन्द्र सरकार ने तीनों कृषि कानून तो वापस ले लिए, लेकिन उस वक्त किया गया वादा पूरा नहीं किया. इस दौरान उन्होंने कहा था कि गवर्नर रहते दबाव तो उन पर भी बहुत आया, लेकिन उस दबाव को उन्होंने नहीं माना.

Previous article इट्स हैपेंस ओनली इन बिहार, बिना बेहोश किए दर्द से छटपटाती दर्जनों महिलाओं के मुंह दबाकर ऑपरेशन का खुलासा
Next article आतंकी फंडिंग रोकने के लिए आज दिल्ली में वैश्विक सम्मलेन, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन 
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here