राहुल गाँधी जहां एक तरफ भारत जोड़ो यात्रा के जरिये कमजोर हो चुकी कांग्रेस को मजबूत करने की जुगत में लगे हैं, वही तेलंगाना में बीजेपी के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर न सिर्फ सवाल उठाए हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी पर निशाना भी साधा है.
राव के पोते एनवी सुभाष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में गैर-गांधी नेताओं के लिए “थोड़ा” सम्मान है. उन्होंने कहा कि हैदराबाद में अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि नहीं दी.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने हैदराबाद में इंदिरा गांधी की प्रतिमा के पास एक रैली को संबोधित किया, लेकिन नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि दिए बिना जानबूझकर चले गए. बीजेपी नेता की यह टिप्पणी राहुल गांधी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि देने के लिए एकता स्थल का दौरा नहीं करने के बाद आई है, जबकि राहुल गांधी ने दिल्ली में सोमवार को जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों को श्रद्धांजलि दी.
सुभाष ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी द्वारा दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारकों का दौरा करने से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी को अपने गैर-गांधी दिग्गज नेताओं के लिए बहुत कम सम्मान है, जिन्होंने देश और पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कई स्मारकों का दौरा किया और जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों को श्रद्धांजलि दी, मगर गैर-गांधी पूर्व पीएम नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि नहीं दी.
सुभाष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास इस बात का गवाह है कि पार्टी ने ऐसे नेता की सेवाओं को कभी मान्यता नहीं दी, जो गांधी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे. उन्होंने नरसिम्हा राव का उदाहरण दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके निधन के बाद कांग्रेस ने उन्हें सम्मान जनक विदाई भी नहीं दी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास बताता है कि उसने पूर्व उप प्रधानमंत्री दिवंगत सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जैसे अपने गैर-गांधी परिवार के नेताओं की सेवाओं को न तो कभी मान्यता दी और न ही स्वीकार किया.
सुभाष ने कहा कि अगर 1991 में नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री नहीं बनते तो कांग्रेस पार्टी का अस्तित्व ही मिट जाता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव की सेवाओं को कभी स्वीकार नहीं किया, जिन्हें एक आर्थिक सुधारक के रूप में जाना जाता है, जिसने सफलतापूर्वक देश की अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर ला दिया था.