इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल रिटायर्ड परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में दुबई में निधन हो गया.
सूत्रों के मुताबिक परवेज मुशर्रफ का दुबई के अमेरिकी अस्पताल में इलाज चल रहा था. परवेज मुशर्रफ का परिवार उनके शव को पाकिस्तान लाने के बारे में सोच रहा है.
परवेज मुशर्रफ ने 1999 में देश में मार्शल लॉ लगाने के बाद मुख्य कार्यकारी का पद संभाला था, और 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया.
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली में हुआ था. मुशर्रफ का परिवार 1947 में बटवारे के समय नई दिल्ली से कराची चला गया था. उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में पढ़ाई की थी.
परवेज मुशर्रफ ने बाद में एफसी कॉलेज लाहौर से पढ़ाई पूरी की, वो आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज, क्वेटा से ग्रेजुएट थे. फिर उनको 1961 में पाकिस्तानी सेना में नियुक्त कर लिया गया.
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ बाद में विशेष सेवा समूह में शामिल हो गए, उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों में भी भाग लिया. परवेज मुशर्रफ ने 7 अक्टूबर 1998 को सेना प्रमुख का पद संभाला था.
12 अक्टूबर, 1999 को परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार को समाप्त कर दिया और मुख्य कार्यकारी का पद संभाल लिया. इस दौरान परवेज़ मुशर्रफ ने भारत के साथ कारगिल युद्ध छेड़ दिया. हालांकि पाकिस्तान को इस जंग में भी मुंह की खानी पड़ी.
उधर परवेज मुशर्रफ ने 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका के फ्रंटलाइन सहयोगी बनने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
अप्रैल 2002 में, परवेज मुशर्रफ को एक जनमत संग्रह में पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था. 2004 में, परवेज मुशर्रफ संविधान में 17वें संशोधन के माध्यम से अगले 5 वर्षों के लिए राष्ट्रपति चुने गए.
मुशर्रफ ने 14 से 16 जुलाई 2001 तक नई दिल्ली और आगरा में आयोजित आगरा सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन कश्मीर मुद्दे सहित पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय विवादों में कोई प्रगति नहीं हो सकी और बातचीत की कोई संयुक्त घोषणा जारी नहीं की जा सकी थी.
नवंबर 2007 में परवेज मुशर्रफ ने असंवैधानिक कदम उठाए और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को अपदस्थ कर दिया. मुशर्रफ ने 18 अगस्त 2008 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चले गए.
परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. परवेज मुशर्रफ को एक विशेष अदालत ने 17 दिसंबर, 2019 को अनुच्छेद 6 के तहत दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
याद रहे कि नवाज शरीफ के शासन के दौरान परवेज मुशर्रफ के खिलाफ उच्च राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था. 31 मार्च 2016 को परवेज मुशर्रफ अभियोग के समय अदालत में मौजूद थे. बाद में बीमारी के चलते परवेज मुशर्रफ देश से बाहर चले गए.