क्या शराब की वजह से भारतीय महिलाओं का जीना दूभर हो गया है ? क्या शराब की वजह से भारतीय महिलायें हिंसा की शिकार हो रही है और क्या शराब ने भारतीय परिवार को विखंडन के कगार पर पहुंचा दिया है ? ये तमाम ऐसे सवाल है जो इस बात की गवाही देते हैं कि शराब ने भारतीय परिवार को तहस नहस कर दिया है. अभी हाल में जो सरकारी आंकड़े सामने आये हैं उससे पता चलता है कि भारतीय महिलाये हिंसा और शोषण की सबसे ज्यादा शिकार हैं और इसके मूल में शराब एक बड़ा कारण है.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट ने देश के एक काले सच को सामने रखा है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 82% शादीशुदा महिलाएं ऐसी हैं, जो पति की यौन हिंसा की शिकार होती हैं. वहीं, देश में 6% शादीशुदा महिलाओं ने जीवन में कभी न कभी यौन हिंसा झेली है. यानी देश में हर तीसरी महिला इस वक्त घरेलू और यौन हिंसा का शिकार हो रही है. इन आंकड़ों में से सिर्फ 14 प्रतिशत महिलाएं ही मदद मांगने के लिए आगे आई हैं.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर, परिवेश, शराब, उम्र आदि का हवाला दिया गया है. शराब की बात करें, तो यह महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा का एक बड़ा कारण है. जहां पति शराब पीते हैं, वहां 70 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं, जबकि जिन घरों में शराब का प्रचलन नहीं है, वहां केवल 23 फीसदी महिलाएं इसका शिकार हुई हैं.
घरेलू और यौन हिंसा की शिकार होने वाली महिलाएं मदद लेने में पीछे रही हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे—3 से लेकर अब तक बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. 2005-06, में ये दर 24 फीसदी थी, 2015-2017 में ये घटकर 14 फीसदी रह गई, जबकि 2019-21 में भी आंकड़ा 14 फीसदी ही रहा.
घर के अंदर महिलाओं को यौन शोषण से बचाने के लिए 2005 में घरेलू हिंसा कानून बनाया गया था. ये कानून महिलाओं को घर में यौन शोषण से संरक्षण देता है. इसके अलावा हिंदू मैरिज एक्ट भी है, जिसमें पति और पत्नी की जिम्मेदारियां तय है. इसमें प्रावधान है कि सेक्स के लिए इंकार करना क्रूरता है और इस आधार पर तलाक लिया जा सकता है.
इसके बाद भी समाज और परिवार का जो दृश्य सामने आया है ,चौंकाने वाला है. यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर समय रहते शराब पर अगर लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाल कल और भी भयावह होगा और फिर परिवार नाम की कोई चीज नहीं रह जाएगी.