Home ताज़ातरीन नूह हिंसा के बाद फिर निकलेगी बृजमंडल यात्रा, पलवल महापंचायत में फैसला, जमकर हुई हेट स्पीचेज़

नूह हिंसा के बाद फिर निकलेगी बृजमंडल यात्रा, पलवल महापंचायत में फैसला, जमकर हुई हेट स्पीचेज़

0
नूह हिंसा के बाद फिर निकलेगी बृजमंडल यात्रा, पलवल महापंचायत में फैसला, जमकर हुई हेट स्पीचेज़

हरियाणा में पलवल के पोंडरी में हिंदू समाज की तरफ से रविवार को पलवल-नूंह बॉर्डर पर महापंचायत हुई. जिसमें यह फैसला लिया गया कि नूह हिंसा के बाद फिर बृजमंडल यात्रा निकाली जाएगी, जिसको लेकर तैयारियां तेज़ कर दी जाएं. दरअसल यह महापंचायत सभा का उद्देश्य विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को फिर से शुरू करने पर चर्चा करना था.

पोंडरी में हुई हिंदू महापंचायत में मुसलमानों के खिलाफ जमकर भड़काऊ बयानबाजी की गई. हरियाणा गौ रक्षक दल के नेता आचार्य आजाद शास्त्री ने फिर हिंसा भड़काने वाला बयान दिया. अपने भड़काऊ भाषण में उन्होंने मेवात में 100 हथियारों के लाइसेंस दिए जाने की मांग भी रखी. आचार्य आजाद शास्त्री ने इसे “करो या मरो की स्थिति” कहा और युवाओं से हथियार उठाने पर ज़ोर दिया. शास्त्री ने कहा, “हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस लेना सुनिश्चित करना चाहिए, बंदूकों का नहीं, बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं. इस देश का विभाजन हिंदू – मुस्लिम के आधार पर हुआ था. यह गांधी के कारण ही था कि ये मुसलमान मेवात में रुके रहे.”

साथ ही आचार्य आजाद शास्त्री ने युवाओं से एफआईआर से न डरने को भी कहा. उन्होंने कहा, “हमें एफआईआर से डरना नहीं चाहिए. मेरे खिलाफ भी एफआईआर हैं लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए.” हालांकि इस महापंचायत को विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए अनुमति दी गई थी.

याद रहे कि यात्रा 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसक झड़पों के कारण बाधित हो गई थी. यात्रा में शामिल विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हथियारों से लैस थे, यात्रा से पहले जुनैद और नासिर की हत्या के आरोपी मोनू मानेसर और बजरंग दल नेता बिट्टू बजरंगी के विवादित वीडियो वायरल हुए थे. जिसे लेकर नूह के स्थानीय नेताओं और लोगों ने प्रशासन से तुरंत नोटिस लेने का आग्रह किया था. मगर स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के बीच निकली यात्रा और उसमें वीएचपी महासचिव सुरेंद्र जैन के भड़काऊ भाषण के बाद हिंसक झड़प का शिकार हो गई थी, जिसके बाद हरियाणा के कई शहरों में तनाव फैल गया था और इन झड़पों में एक इमाम समेत 6 लोगों की मौत, 100 के करीब लोग घायल हो गए थे.

हालांकि पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने महापंचायत की अनुमति देने से पूर्व साफ कहा था कि इस दौरान विवादित भाषण नहीं दिए जाएंगे. उनकी टीम हर व्यक्ति पर नजर रखेगी और किसी भी गलत हरकत पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सभा के लिए अनुमति देने के फैसले की पुष्टि पलवल के पुलिस अधीक्षक ने की.

Previous article ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे रहेगा जारी, HC से मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, कहा- न्याय के लिए यह जरूरी
Next article इजरायल का फिलिस्तीन के लिये नियुक्त सऊदी सफारती दफ्तर देने से इंकार, पहली बार सऊदी ने नियुक्त किया दूत
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here