बिहार विधानसभा में बुधवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने विश्वासमत जीत लिया है. नीतीश के समर्थन में 160 वोट पड़े. सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद विश्वास मत पर चर्चा हुई. जहां उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बहुमत पेश किया. बीजेपी के वॉक आउट के बीच बुधवार को महागठबंधन की सरकार ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया है. वहीं, विपक्ष में एक भी विधायक ने वोट नहीं किया. संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में मतदान कराने की मांग की. विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने मतदान की बात मानी. इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने मतदान कराने का विरोध किया और सदन का बहिष्कार कर बाहर चले गए.
सदन में सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर काफी चर्चा हो गई है. सभी ने अपनी बात रख दी है. हमको किसी पर ऐतराज नहीं है. पहले चार पार्टी की सरकार थी. एक पार्टी को अपने में मिला लिया. हम तो काम करते रहते थे, तो क्या हो रहा था. हमारी आपको लेकर कोई शिकायत नहीं है, हम आप लोगों को कुछ नहीं कह रहें हैं.
अपने संबोधन के दौरान सीएम नीतीश ने अरसीपी सिंह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिसको हमने नीचे से ऊपर बढ़ाया, उसको अपने में मिलाकर क्या किया गया? विधानसभा के चुनाव में क्या किया? डिप्टी सीएम समेत तमाम पुराने मंत्रियों को हटा दिया. सुशील मोदी, प्रेम कुमार, नंदकिशोर, राम नारायण मंडल समेत अन्य नेताओं को बीजेपी शीर्ष ने मंत्री नहीं बनाया. आजकल सिर्फ दिल्ली वालों का होता रहता है. दूसरी ओर, विधानसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वार्थ और महत्वाकांक्षा की वजह से सरकार बदली है.
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए गुरुवार को नामांकन होगा. अध्यक्ष के लिए अवध बिहारी चौधरी और रामचंद्र पूर्वे उपाध्यक्ष के लिए नामांकन भरेंगे.