सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल उत्तराखंड और दिल्ली में आयोजित की गई धर्म संसद में हेट स्पीच और नफरती भाषणों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में दोनो ही सरकारों से जवाब मांगा है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने एक्टिविस्ट तुषार गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया.
तुषार गांधी ने अपनी याचिका में हेट स्पीचेज़ और लिंचिंग को रोकने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की थी. पीठ ने कहा कि वो अभी अवमानना के मामले में नोटिस नहीं दे रहे हैं बल्कि उत्तराखंड और दिल्ली से जवाब मांग रहे है कि धर्म संसद में दी गई हेट स्पीचेज़ और लिंचिंग के संबंध में दोनों राज्यों ने अब तक क्या कार्रवाई की है?
इसमें कहा गया है कि उत्तराखंड और दिल्ली दोनों ही तथ्यात्मक स्थिति और की गई कार्रवाई के बारे में हलफनामा दाखिल करेंगे. पीठ ने यह भी कहा कि नव नियुक्त अटॉर्नी जनरल आर वेंकट रमानी ने हाल ही में कार्यभार संभाला है और इस मुद्दे पर विचार करने में कुछ समय लग सकता है.