Home ताज़ातरीन दिल्ली, मुंबई समेत बीबीसी के दफ्तरों पर इंकम टैक्स का छापा, पत्रकारों के फोन ज़ब्त, बगैर फोन के भेजे गए घर

दिल्ली, मुंबई समेत बीबीसी के दफ्तरों पर इंकम टैक्स का छापा, पत्रकारों के फोन ज़ब्त, बगैर फोन के भेजे गए घर

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दिल्ली, मुंबई समेत बीबीसी के दफ्तरों पर इंकम टैक्स का छापा, पत्रकारों के फोन ज़ब्त, बगैर फोन के भेजे गए घर

दिल्ली में बीबीसी के दफ्तर पर आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है. आयकर विभाग की टीम ने बीबीसी के दफ्तर को सील कर दिया है. आईटी अफ़सरों ने सभी मौजूद पत्रकारों व कर्मचारियों के फोन ज़ब्त कर लिए हैं, और सभी पत्रकारों व कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है.दिल्ली में बीबीसी का दफ्तर इमारत के 5वें, 6वें और 11वें फ्लोर पर है, दोनों फ्लोर पर आईटी के अफसर मौजूद हैं. दिल्ली दफ्तर के दोपहर की शिफ्ट के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के निर्देश दिए गई हैं.

बता दें कि दिल्ली में कस्तूरबा गांधी स्थित एक बहुमंजिला इमारत बीबीसी का दफ्तर 5वें, 6वें और 11वें फ्लोर पर मौजूद है. आईटी अधिकारी इन सभी फ्लोर पर मौजूद हैं. जिस बिल्डिंग में बीसीसी के दफ्तर में यह कार्रवाई हो रही है, उसमें कई विदेशी कम्पनियों के दफ्तर भी मौजूद हैं.

बताया जा रहा है कि यह रेड अभी भी जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टैक्स चोरी के मामले में छापेमारी चल रही है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है. हालांकि सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक आईटी अधिकारी बीबीसी दफ्तर में कुछ चीजों की जांच करने पहुंचे हैं.

इधर आईटी अधिकारी के रेड पर अब तक बीबीसी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. माना जा रहा आईटी विभाग की इस कार्रवाई पर आधिकारिक बयान के बाद बीबीसी की ओर से कोई बयान सामने आ सकता है.

उधर, कांग्रेस ने आईटी की इस कार्रवाई को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन से जोड़ा है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया. अब बीबीसी के दफ्तर पर आईटी का छापा पड़ गया है. अघोषित आपातकाल. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम अडानी मामले में जेपीसी की मांग कर रहे हैं, दूसरी ओर बीबीसी के दफ्तर पर इस तरह की कार्रवाई हो रही है. विनाशकाले विपरीत बुद्धि…

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी बीबीसी दफ्तर पर आईटी रेड को लेकर तंज़ कसा है. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बीबीसी के दिल्ली दफ्तर में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा छापेमारी की खबर है. बहुत खूब. अप्रत्याशित.

दरअसल, हाल ही में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री आई थी. यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर और 2 पार्ट पर आधारित है. जिसे केंद्र सरकार ने प्रोपेगेंडा बताते हुए डॉक्यूमेंट्र के स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कई यूनिवर्सिटियों में बवाल भी मचा था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर हुई हैं. ऐसे में विपक्ष आयकरविभाग की छापेमारी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ कर केंद्र पर निशाना साध रहा है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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