Home देश “दादागिरी की तो ठीक करना जानते हैं” हनुमान चालीसा विवाद पर सीएम उद्धव की चेतावनी

“दादागिरी की तो ठीक करना जानते हैं” हनुमान चालीसा विवाद पर सीएम उद्धव की चेतावनी

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“दादागिरी की तो ठीक करना जानते हैं” हनुमान चालीसा विवाद पर सीएम उद्धव की चेतावनी

हनुमान चालीसा विवाद पर सीएम उद्धव ठाकरे बेहद आक्रामक होते दिख रहे हैं. उन्होंने बीजेपी को सीधे लफ्जों में चेतावनी देते हुए कहा कि दादागिरी मत करिएगा. ऐसा करने की कोशिश भी की तो हमें पता है कि इसे कैसे ध्वस्त करना है. शिवसेना को उकसाइए मत, वर्ना बहुत महंगा पड़ जाएगा.

उद्धव ने कहा कि लगातार ये कहा जा रहा है कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है. ये क्या कोई धोती या और कोई चीज है, जिसे छोड़ा जा सकता है. हमारा हिंदुत्व गदाधारी है. जैसे हनुमान जी की गदा होती है ठीक वैसे ही. उनका कहना था कि अगर किसी को हनुमान चालीसा का पाठ करना है तो मुझे कॉल करिए. मेरे घर पर आईए. लेकिन हमें गुस्सा मत दिलाएं.

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा का समर्थन कर रही है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. महाराष्ट्र में यह हनुमान चालीसा-लाउडस्पीकर का विवाद राज ठाकरे के बयान से शुरू हुआ था, जब उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर 3 मई तक अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद आज महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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