Sunday, October 6, 2024
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4 चीजें जो आप के दांतों को सड़न से रखे महफूज़

  • दांतों में कई कारणों से सड़न हो सकती है. इस सड़न को आम भाषा में कीड़े लगना भी कहते हैं. ज्यादातर पीछे वाले दांतों में यह सड़न (Cavity) होती है जो अंदर ही अंदर दांतों को खोखला कर देती है. दांतों की सतह पर काले रंग के तिल के आकार की कैविटी नजर आती है. इस कैविटी से दांत खोखले होने से उनके टूटकर गिरने की नौबत आ जाती है. वहीं, दांतों में दर्द, मुंह से खून होना और दांतों का पीलापन जैसे लक्षण भी नजर आने लगते हैं. इस कैविटी को दूर करने या कहें इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं.

दिन में 2 से 3 बार लौंग का तेल (Clove Oil) इस्तेमाल करने पर कैविटी ठीक होने में मदद मिल सकती है. इस तेल के एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों की सड़न को दूर करने में कारगर हैं. रूई में लौंग का तेल डालकर कैविटी वाले दांत पर सीधे लगाया जा सकता है.

एंटीमाक्रोबियल गुणों से भरपूर अमरूद के पत्तों को कैविटी (Tooth Cavity) दूर करने में अच्छा माना जाता है. इन पत्तों को आप माउथवॉश की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. माउथवॉश बनाने के लिए अमरूद के पत्तों को छोटे टुकड़ों में तोड़कर पानी में उबाल लें. इस पानी को आप कुल्ला करने के काम में ले सकते हैं.

मुंह की सेहत बनाए रखने और कैविटी से छुटकारा पाने के लिए लहसुन का इस्तेमाल किया जा सकता है. लहसुन को आप अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं. इसे रोजाना खाली पेट खाने पर फायदा मिलता है. इसके अलावा लहसुन (Garlic) को छोटे टुकड़ों में कूटकर कैविटी वाले दांत पर रखा भी जा सकता है.

अगर आप अंडा खाते हैं तो दांतों की कैविटी को दूर करने के लिए अंडे से तैयार इस नुस्खे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले अंडे का छिलका धोकर सुखा लें. इस छिलके को पीसकर पाउडर बनाएं और इसमें बेकिंग सोडा (Baking Soda) डालें. इस तैयार मिश्रण को कुछ देर दांतों पर घिसकर धो लें.

 

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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