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टीएमसी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा किया

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टीएमसी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी के विवादित डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा किया

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ’ ब्रायन ने रविवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए 2002 के गुजरात दंगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी के विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री का ‘लिंक’ टि्वटर पर न सिर्फ साझा किया है बल्कि टीएमसी ने तो सेंसरशिप के खिलाफ भी लड़ने का संकल्प दोहराया है.

डेरेक ओ’ ब्रायन उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिसने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर ट्वीट किया और उस ट्वीट को ट्विटर ने अपने प्लेटफार्म से हटा दिया था. रविवार को टीएमसी के दोनों सांसदों ने सरकार के निर्देश पर “ब्लॉक” किए गए ट्विटर लिंक की एक सूची भी साझा की.

मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘‘ बीबीसी की एक रिपोर्ट साझा करने के लिए सरकार द्वारा नागरिकों के ट्विटर लिंक ब्लॉक कर दिए गए. डेरेक ओ ब्रायन और प्रशांत भूषण के ट्विटर लिंक भी ब्लॉक कर दिए गए हैं. मेरा लिंक अभी बाकी है.’’

इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ट्विटर और यूट्यूब को “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” नामक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा सरकार द्वारा ये भी जानकारी दी थी कि करीब 8 यूट्यूब चैनल्स जिन्होंने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को अपने चैनल पर प्रसारित किया था, देश की छवी खराब करने की बात कह कर उनको ब्लॉक कर दिया था, जिनके लाखों की संख्या में सब्सक्राइबर थे.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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