Sunday, October 6, 2024
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ज्ञानवापी मामले में आज होगी सुनवाई, बड़े फैसले की उम्मीद 

आज 14 नवम्बर को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले में फिर से सुनवाई होगी. मामले में आज सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडे की बेंच सुनवाई करेगी. इससे पहले अवकाश के कारण फैसला नहीं आ सका था, और अगली सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित कर दी गई थी. ऐसे में आज बड़ा फैसला आने की पूरी उम्मीद है.

बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में तथाकथित शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया था. ऐसे में कोर्ट को आज प्रार्थना और पूजा पाठ की तत्काल शुरुआत की इजाजत, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर फैसला सुनाना है.

इससे पहले हुई सुनवाई में ज्ञानवापी में स्थित कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर जिला अदालत ने फैसला सुनाया था. जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच से साफ इनकार कर दिया था. मामले में हिंदू पक्ष की मांग थी कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण किया जाए. तो वहीं मुस्लिम पक्ष इस मांग पर लगातार आपत्ति जता रहा है, और शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है.

दरअसल, पांच हिंदू याचिकाकर्ताओं में से चार ने वाराणसी की स्थानीय अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन-डेटिंग की मांग की है. कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पुरातत्व में किसी वस्तु की उम्र को समझने के लिए किया जाता है. ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया है. हालांकि, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भी इस तरह की जांच से इनकार कर दिया था.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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