Sunday, November 24, 2024
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जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले दिल्ली पुलिस ने 4 छात्रों को अरेस्ट किया

देश की जानी मानी जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान करने वाले एसएफआई छात्र संगठन के 4 छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है. चारों छात्रों को यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर अरेस्ट किया गया है.

 

इधर जैसे ही छात्र संगठन एसएफआई की तरफ से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जानेवाला एलान हुआ, यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आ गया. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें इस डॉक्यूमेंट्री को ना दिखाए जाने पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी. सुबह से ही जामिया कैंपस के बाहर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है. छात्रों को आई कार्ड चेक होने के बाद ही कैंपस में इंट्री दी जा रही है, लेकिन जिस लॉन में ये स्क्रीनिंग होनी है, वहां किसी को भी जाने की इजाजत दी जा रहे है.

इससे पहले मंगलवार शाम जेएनयूएसयू की ओर से कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने का ऐलान किया गया था, मगर ठीक स्क्रीनिंग से ठीक पहले कैंपस की बिजली काट दी गई, और इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया था. बावजूद इसके बड़ी तादाद में जमा हुए छात्रों ने मोबाइल के नेट से जब डॉक्यूमेंट्री देखने की कोशिश की थी, उनपर पथराव किया गया, जिससे नाराज छात्रों ने नर्मदा हॉस्टल से जेएनयू गेट तक रोश मार्च निकाला था.

बता दें कि जेएनयू से पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी समेत कई और सिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स के एक समूह ने कैंपस के अंदर डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग की है. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस ने कहा कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर जांच शुरू की जाएगी.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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