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जम्मू कश्मीर की परिसीमन रिपोर्ट जारी, चुनाव की उलटी गिनती शुरू

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जम्मू कश्मीर की परिसीमन रिपोर्ट जारी, चुनाव की उलटी गिनती शुरू

अंज़रूल बारी

जम्मू कश्मीर की परिसीमन रिपोर्ट जारी कर दी गई है. रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भी सौंप दिया गया है. इस रिपोर्ट में निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और उनके आकार का ब्योरा है. इसके साथ ही विशेष राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है.
जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग ने जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों में दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर संभाग में रखी हैं, जबकि एक सीट दोनों के साझा क्षेत्र में होंगी. यानी आधा इलाका जम्मू संभाग का और आधा कश्मीर घाटी का हिस्सा होगा. इसी तरह जम्मू के राजौरी और पुंछ को अनंतनाग संसदीय सीट में मिला दिया गया है. जहां तक विधानसभा सीटों की बात है तो परिसीमन आयोग ने सीटों की संख्या 83 से बढ़ा कर 90 करने का प्रस्ताव दिया है.
जम्मू कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटें आरक्षित करने को कहा गया है. राज्य की कुल 90 सीटों में से 43 सीटें जम्मू में हैं और 47 सीटें कश्मीर में. इसके पहले 83 सीटों में 37 जम्मू और 46 कश्मीर में थीं. चार सीटें और थीं, जो लद्दाख क्षेत्र में थीं. वह अब अलग केंद्र शासित प्रदेश है. बहरहाल, परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के बाद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने इसे खारिज करते हुए कहा – परिसीमन क्या है? क्या ये अब सिर्फ बीजेपी का विस्तार बन गया है? जिसमें अब जनसंख्या के आधार को दरकिनार कर दिया जाता है और केवल उनकी इच्छा पर ये काम करता है. हम इसे सिरे से खारिज करते हैं. हम इस पर भरोसा नहीं करते.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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