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जदयू को झटका दे रही बीजेपी, जदयू के संगठन पर बीजेपी का वार

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जदयू को झटका दे रही बीजेपी, जदयू के संगठन पर बीजेपी का वार

 

नीतीश कुमार के पैतरा बदलने के बाद बीजेपी लगातार जदयू पर वार करती जा रही है. पहले अरुणाचल प्रदेश, फिर मणिपुर और अब दमन दीव में जेडीयू के जिला पंचायत सदस्य पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में चले गए हैं. बीजेपी ने जदयू को एक के बाद तीन झटके दिये हैं. माना जा रहा है कि अमित शाह के बिहार प्रवास के दौरान जदयू को बिहार में भी बीजेपी झटका दे सकती है.

बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ कर महागठबंधन की सरकार बना ली है, लेकिन इसके बाद से ही जदयू को लगातार झटके लग रहे हैं. पहले मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जदयू को झटका दिया. अब दमन दीव में जदयू के जिला पंचायत सदस्य पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में चले गये हैं. बीजेपी ने इस बारे में ट्वीट कर बताया कि दमन दीव में जदयू के 17 में से 15 जिला पंचायत सदस्य और प्रदेश जेडीयू की पूरी ईकाई बीजेपी में शामिल हो गये हैं.

बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा बिहार में विकास को गति देने वाली बीजेपी का साथ छोड़कर बाहुबली, भ्रष्ट और परिवारवादी पार्टी का साथ देने के विरोध में इन लोगों ने बीजेपी का दामन थामा है। बीजेपी ने कहा कि 15 जिला पंचायत सदस्य नीतीश कुमार के बीजेपी छोड़ने के फैसले और भ्रष्ट – वंशवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाने को लेकर नाराज हैं. बीजेपी ने कहा कि इन्होंने जदयू और राजद के साथ आने से बिहार में विकास की गति थम गई है.

दरअसल, बिहार की एनडीए की सरकार मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के इस्‍तीफे के साथ गिर गयी और उन्होंने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ सरकार बनाकर एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ राजद नेता तेजस्‍वी यादव ने उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी. बीजेपी ने तब इसे जनता के साथ एक बहुत बड़ा धोखा करार दिया था.

हालांकि, बीजेपी से अलग होने के बाद जदयू को लगातार झटके लग रहे हैं. जदयू के लिए मणिपुर में बड़ा झटका इसलिए भी था, क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 38 में से 6 सीटें जीती थीं, लेकिन उन 6 विधायकों में से उनके पास सिर्फ एक ही विधायक रह गया है, पांच बीजेपी में चले गये हैं.

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में बीती 25 अगस्त को जदयू के एकमात्र विधायक तेकी कासो बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने इस बार भी यही कहा है कि यह सदस्य इसलिए बीजेपी में शामिल हुए क्योंकि जदयू ने परिवारवाद का साथ दिया और जनता को धोखा दिया. हाल के दिनों में जदयू को लगे झटके की सूची देखने से लगता है कि बीजेपी हर हाल में जदयू को ख़त्म करने को तैयार है.

जदयू के पांच विधायक पिछले सप्ताह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे. मणिपुर विधान सभा सचिवालय के एक बयान के अनुसार. जॉयकिशन सिंह, नगुरसंगलूर सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एलएम खौटे का बीजेपी में विलय हो गया. कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में जदयू के अधिकांश विधायक भगवा पार्टी में शामिल हो गए थे और हाल ही में मणिपुर के 7 में से 5 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.

विधानसभा सचिवालय ने तब कहा था, “मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जद (यू) के पांच विधायकों के बीजेपी में विलय को स्वीकार कर लिया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 32 सीटों का बहुमत हासिल किया, जिसके परिणाम 10 मार्च को घोषित किए गए.

25 अगस्त 2022 को, अरुणाचल प्रदेश से जदयू के एकमात्र विधायक जेपी नड्डा और अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू की उपस्थिति में भगवा पार्टी में शामिल हो गए. जदयू विधायक टेची कासो के बीजेपी में विलय के साथ ही बीजेपी 60 विधानसभा सीटों (एमएलए) में से 49 पर खड़ी है. जदयू के 9 पार्षदों में से 8 बीजेपी में शामिल हो गए हैं, अब कुल बीजेपी पार्षद 20 में से 18 हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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