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चीनी झड़प : क्या कांग्रेस के सात सवालों का जबाव देगी मोदी सरकार ?

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चीनी झड़प : क्या कांग्रेस के सात सवालों का जबाव देगी मोदी सरकार ?

जयपुर में राहुल गाँधी द्वारा सेना पर दिए गए विवादित बयान के बाद जहां बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हैं, वही चीनी झड़प को लेकर अब कांग्रेस ने मोदी सरकार से ट्विटर के जरिये सात सवाल पूछे हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने जयपुर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारतीय सेना को चीनी सेना पीट रही है, और सरकार सोयी हुई है. बीजेपी और सरकार के लोग राहुल पर काफी आक्रामक हैं.

अब शनिवार को कांग्रेस ने पीएम मोदी के सामने 7 प्रश्न रखे हैं. आपको बता दें कि इसके एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में कहा था कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और हमारी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये नैतिक जिम्मेदारी और राजनीतिक कर्तव्य है कि वो भारत-चीन सीमा पर गतिरोध से जुड़े सवालों के जवाब दें. उन्होंने कहा कि आखिर क्या वजह है जो पीएम मोदी देश को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे हैं? पीएम मोदी की ये बड़ी जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे से जुड़े सवालों पर अपने ‘मन की बात’ देश की जनता से करें. पूरा देश ये जानना चाहता है. इस दौरान कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर 7 सवाल शेयर किए.

ये हैं कांग्रेस के पीएम मोदी से 7 सवाल-कांग्रेस ने अपने पहले सवाल में पूछा है कि आपने (प्रधानमंत्री) चीनी कंपनियों को पीएम केयर फंड में अंशदान क्यों देने दिया? कांग्रेस ने दूसरे सवाल में पीएम मोदी से पूछा कि 20 जून, 2020 को आपने (प्रधानमंत्री) क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन द्वारा कोई घुसपैठ नहीं हुई? कांग्रेस ने अपने तीसरे सवाल में पीएम मोदी से पूछा है कि आपने (प्रधानमंत्री) ‘माउंटेन स्ट्राइक कोर’ बनाने को लेकर 17 जुलाई, 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत की गई योजना को क्यों त्याग दिया? कांग्रेस का चौथा सवाल था कि आपने (प्रधानमंत्री) चीन को इस बात की इजाजत क्यों दे दी कि वह हमारे सैनिकों को उन हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में जाने से रोके, जहां वो मई, 2020 से पहले नियमित रूप से गश्त किया करते थे? पांचवें सवाल में कांग्रेस ने पूछा कि आप (प्रधानमंत्री) इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा के हालात और चीन से खड़ी हुई चुनौतियों पर संसद में चर्चा नहीं होनी चाहिए? छठे सवाल में कांग्रेस ने पूछा कि आपने (प्रधानमंत्री) पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर पर क्यों बढ़ने दिया? और सातवें सवाल में कांग्रेस ने पूछा कि आपने (प्रधानमंत्री) चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ 18 बार मुलाकात की है और हाल ही में शी जिनपिंग से बाली में हाथ भी मिलाया था. चीन ने तवांग सेक्टर में हाल ही में अतिक्रमण की शुरुआत की और सीमा पर हालात को एकतरफा ढंग से बदल रहा है. आप देश को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे हैं?

अब सरकार इन सवालों पर क्या कुछ कहती है, इस पर सबकी नजरें टिकी है. हालांकि कांग्रेस चाहती है कि चीन के मसले पर संसद में चर्चा हो, लेकिन अभी तक सरकार चर्चा से भागती नजर आ रही है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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