Thursday, April 25, 2024
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गृह युद्ध की तरफ बढ़ा श्रीलंका, 12 मंत्रियों के घर फूंके गए

अंज़रूल बारी

श्रीलंका की हालत दिन – ब – दिन बद से बदतर होती जा रही है. श्रीलंका अब गृह युद्ध की तरफ बढ़ता जा रहा है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे चुके हैं. उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. जिसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए. खबरों के मुताबिक अब तक 12 मंत्रियों के घर फूंके जा चुके हैं.
जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें की तो उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया. दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया. वहीं, राजधानी कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया.
ताजा हालत ये है कि श्रीलंकाई सांसद जनक बंडारा तेनाकून के दांबुला स्थित घर में आग लगा दी गई. श्रीलंका बार एसोसिएशन ने लोगों को घरों से नहीं निकलने की अपील की है. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मंत्री रोहिता अबेगुणवर्धने के आवास पर भी हमला किया. हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने पीएम के आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ का मेन गेट तोड़ दिया और यहां खड़े ट्रक में आग लगा थी. इसके बाद आवास के अंदर गोलीबारी भी की गई. उग्र होती भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की.
श्रीलंका 1996 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने PM आवास पर हिंसा के लिए श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना पार्टी यानी एसएलपीपी को जिम्मेदार ठहराया है. रणतुंगा ने कहा कि एसएलपीपी ने ही लोगों की हिंसक भीड़ को इकट्ठा किया था.
बीते दिनों श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत की खबर भी सामने आई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरकीर्ति ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी और बाद में भीड़ से बचने के लिए बिल्डिंग में छिप गए. यहीं से उनका शव बरामद हुआ है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनकी मौत किस वजह से हुई है.
खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर आम लोगों ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए थे. इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी. श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है. इसके पहले 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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