Wednesday, November 13, 2024
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खूनी हुई हिजाब की राजनीति

आखिर हिजाब की राजनीति खूनी हो ही गई. हिजाब की राजनीति शुरू करने वाले नेता सफल हो गए|
इस राजनीति ने बीती रात एक इंसान की जान ले ली|
बजरंग दल के 26 वर्षीय एक कार्यकर्ता हर्षा की ह्त्या अज्ञात लोगों द्वारा कर दी गई है| खबरों के मुताबिक ये हत्या चाकू घोपकर की गई है|
हत्या के बाद शिवमोगा में भारी तनाव है और शहर के सीगेहट्टी इलाके में उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी| बढ़ते हंगामे के मद्देनजर शिवमोगा में दो दिन के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं|
पुलिस की भारी तैनाती तो जरूर की गई है लेकिन आगे क्या होगा कोई नहीं जनता| सब डरे-सहमे घरों में बंद हैं| कोई किसी से कुछ भी कहने से बच रहा है|
       शिवमोगा का यह हत्या कांड आगे समाज में कितना असर डालेगा कोई नहीं जनता. लोग यह भी नहीं जानते कि नेता लोग हत्याकांड का कितना राजनीतिक लाभ उठाएंगे|
पांच राज्यों और खासकर यूपी के चुनाव पर शिवमोगा की इस हत्या काण्ड का कितना असर पडेगा और इस असर का ध्रुवीकरण किसके पक्ष में जाएगा इसका गणित तो नेता ही लगाएंगे लेकिन कर्नाटक में जो हो रहा है उसकी भारी कीमत देश को चुकानी पड़ सकती है|
डर है कि हिजाब के नाम पर शुरू हुए खेल में कही कर्नाटक दंगे का केंद्र न हो जाए और फिर इसकी आंच दक्षिण भारत से होते हुए उत्तर भारत तक न पहुँच जाए. इसलिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि शिवमोगा कांड की जाँच की जाए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उसे दण्डित किया जाय|
इसके साथ ही सिविल समाज को आगे आकर किसी भी अनहोनी वाली घटना पर विराम देने की जरूरत है|
                लेकिन कर्नाटक सरकार के नेता भी जिस तरह के बोल बोलते नजर आ रहे है उससे परेशानी और भी बढ़ सकती है| कर्नाटक के रूरल डेवलपमेंट और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने हर्षा की हत्या के मामले में चौंकाने वाला बयान दिया है|
उन्होंने कहा- ‘मैं बजरंग दल कार्यकर्ता की मौत से बेहद दुखी हूं. हर्षा की हत्या मुस्लिम गुंडों ने की है. मैं अभी हालात का जायजा लेने के लिए शिवमोगा जा रहा हूं. हम गुंडागर्दी की इजाजत नहीं देंगे|’
                     इधर, राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र मारे गए बजरंग दल कार्यकर्ता के परिवार से मिलने उसके घर पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘4-5 युवकों के समूह ने एक 26 साल के युवक की हत्या कर दी|
इस हत्या के पीछे किस संगठन का हाथ है, यह अभी नहीं कहा जा सकता. फिलहाल शिवमोगा में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज दो दिन के लिए बंद किए जा रहे हैं|
                         शुरुआती जांच में पुलिस इसे हिजाब विवाद से जोड़कर देख रही है, क्योंकि हर्षा ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ और भगवा शाल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी|
दरअसल, कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद सामने आने के बाद से ही बजरंग दल काफी सक्रिय है. इसीलिए हर्षा की हत्या में साजिश के एंगल का शक गहरा गया है| हालांकि, पुलिस इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है|
                           कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर माहौल पहले से तनावपूर्ण है. ऐसे में बजरंग दल की एक कार्यकर्ता की हत्या के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल पुलिस अलर्ट है और पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है|
                           बता दें कि बजरंग दल समेत कई हिंदू संगठन स्कूलों में हिजाब की एंट्री का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले कर्नाटक के कोपा में एक सरकारी स्कूल में छात्रों ने भगवा पहनकर हिजाब का विरोध किया था|
आरोप था कि स्कूल प्रशासन ने छात्रों को भगवा पहनकर आने की मंजूरी दी थी और मुस्लिम छात्राओं से कहा था कि वो हिजाब पहनकर न आएं|
इसके बाद स्कूल ने अपने आदेश में कहा कि 10 जनवरी तक स्टूडेंट अपनी इच्छा अनुसार पोशाक पहन सकते हैं. इसके विरोध में छात्रों ने भगवा स्कार्फ पहनना शुरू कर दिया है| दूसरी तरफ कर्नाटक के बजरंग दल संयोजक सुनील केआर ने हिजाब विवाद को हिजाब जिहाद बताया था|
                             हिजाब मामले में कर्नाटक कांग्रेस नेता का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो हिजाब का विरोध करने वालों को धमकी देते हुए नजर आ रहे हैं|
वायरल वीडियो में मुकर्रम खान यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हिजाब का विरोध करने वालों को टुकड़ों में काट दिया जाएगा|
खान ने कथित तौर पर कहा था कि हमारी जाति (धर्म) को चोट मत पहुंचाओ, सभी जातियां समान हैं| आप कुछ भी पहन सकते हैं, आपको कौन रोकेगा? पुलिस ने कांग्रेस नेता के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (A), 298 और 295 के तहत मामला दर्ज कर लिया है|
                            शिवमोगा की घटना की जितनी भी भर्त्सना की जाए कम ही है. लेकिन जिस तरीके से स्थानीय नेता उकसाने वाले बयान देते जा रहे हैं उससे समस्या और भी बढ़ सकती है|

हिन्दू-मुसलमानो के साथ ही समाज के अन्य लोगो को भी अब इस मामले में दखल देने की जरूरत है वरना हिजाब का यह खेल कई और निर्दोषो पर भी भारी पर सकता है. और अगर ऐसा हुआ तो फिर बहुलतावादी संस्कृति पर तो हमला होगा ही, लोकतंत्र भी लज्जित और शर्मसार होगा|

अखिलेश अखिल
अखिलेश अखिल
पिछले 30 वर्षों से मिशनरी पत्रकारिता करने वाले अखिलेश अखिल की पहचान प्रिंट, टीवी और न्यू मीडिया में एक खास चेहरा के रूप में है। अखिल की पहचान देश के एक बेहतरीन रिपोर्टर के रूप में रही है। इनकी कई रपटों से देश की सियासत में हलचल हुई तो कई नेताओं के ये कोपभाजन भी बने। सामाजिक और आर्थिक, राजनीतिक खबरों पर इनकी बेबाक कलम हमेशा धर्मांध और ठग राजनीति को परेशान करती रही है। अखिल बासी खबरों में रुचि नहीं रखते और सेक्युलर राजनीति के साथ ही मिशनरी पत्रकारिता ही इनका शगल है। कंटेंट इज बॉस के अखिल हमेशा पैरोकार रहे है।
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