Home ताज़ातरीन कोर्ट की आजादी और डेमोक्रेसी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है, किरेन रिजिजू बोले- लोकतंत्र हमारे खून में है..,

कोर्ट की आजादी और डेमोक्रेसी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है, किरेन रिजिजू बोले- लोकतंत्र हमारे खून में है..,

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कोर्ट की आजादी और डेमोक्रेसी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है, किरेन रिजिजू बोले- लोकतंत्र हमारे खून में है..,

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ओडिशा के भुवनेश्वर में कहा है कि लोकतंत्र हमारे खून में है. कोर्ट की आजादी और लोकतंत्र पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है. उन्होंने यह बात भुवनेश्वर में आयोजित सेंट्रल गवर्नमेंट लॉ ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि भारत विरोधी विदेशी ताकतें टुकड़े-टुकड़े गैंग की मदद से भारत पर हमला करती हैं.

केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि आजादी के नाम पर किसी को कुछ भी करने की हरगिज छूट नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा?

कानून मंत्री ने बिना किसी नेता का नाम लिए कहा कि देश के भीतर और बाहर यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय न्यायपालिका संकट में है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर न्यायमूर्तियों के लिए भला बुरा कहा जाता है. मैं बता दूं कि जुडीशरी सिस्टम पर इस तरह की आलोचना सही संकेत नहीं है.

रिजिजू ने कहा कि हमें भारत को सुरक्षित बनाने के लिए सख्त कानून बनाने होंगे. इसके बगैर आजादी नहीं बचेगी. जिस तरह एक बॉडी बिल्डर को शेप में आने के लिए खूब पसीना बहाना पड़ता है, उसी तरह आजादी और अधिकार पाने के लिए हमें कई चीजों का त्याग करना होगा.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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