Friday, April 19, 2024
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कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का लंबी बीमारी के बाद एम्स में हुआ निधन

 

लोकप्रिय हास्य – अभिनेता राजू श्रीवास्तव का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वो 58 साल के थे. पिछले 45 दिनों से वो जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर थे. राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ा था, जिस समय वो ट्रेड मिल पर दौड़ रहे थे तभी उनके सीने में दर्द हुआ था और गिर पड़े थे. उसके बाद एम्स में भर्ती करवाया गया था और उसी दिन उनकी एंजियोप्लास्टी भी हुई थी. राजू के परिवार में पत्नी शिखा और दो बच्चे हैं.

मूल रूप से कानपुर के रहने वाले राजू उर्फ गजोधर भैय्या ने राजनीति में भी किस्मत को आजमाया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजावदी पार्टी ने उन्हें कानपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए टिकट लौटा दिया था कि उन्हें पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिल रहा है. बाद में उन्होंने उसी साल मार्ट 2014 में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. राजू उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास परिषद के चेयरमैन थे.

 

1980 के दशक से ही राजू इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री जुड़ गए थे. लेकिन 2005 में ‘द ग्रेट इंडियन लाफ़्टर चैलेंज’ में हिस्सा लेने के बाद वो सुर्खियों में आए थे, राजू की खास बात ये थी उनकी लोकप्रियता में कभी कमी नहीं रही. गजोधर भैया के किरदार से उन्होंने बड़ा नाम कमाया. राजू श्रीवास्तव आम लोगों के जीवन से उन पहलुओं को उठाते थे, जिन पर हर कोई हँसने के लिए मजबूर हो जाता था. राजू श्रीवास्तव ने ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाज़ीगर’ और ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’, जैसी फ़िल्मों में भी छोटे किरदार में निभाए थे.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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