Home ताज़ातरीन कैदियों के रिहाई के समझौते के बावजूद ईरान पर लगे प्रतिबंध रहेंगे बरकरार. बाइडेन प्रशासन का एलान

कैदियों के रिहाई के समझौते के बावजूद ईरान पर लगे प्रतिबंध रहेंगे बरकरार. बाइडेन प्रशासन का एलान

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कैदियों के रिहाई के समझौते के बावजूद ईरान पर लगे प्रतिबंध रहेंगे बरकरार. बाइडेन प्रशासन का एलान

वॉशिंगटन: अमेरिका का कहना है कि कैदियों की रिहाई के समझौते के बावजूद ईरान पर प्रतिबंधों में कोई कमी नहीं की जाएगी.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लैंकेन ने एक बयान में कहा कि ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों का क्रियान्वयन का अमल जारी रहेगा. पांच अमेरिकी कैदियों की रिहाई पर समझौते के बाद भी ईरान पर लगे प्रतिबंधों को लेकर कोई कमी या राहत नहीं दी जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की जेल में कैद अमेरिकियों की रिहाई के बदले बाइडेन प्रशासन ने ईरान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कथित तौर पर 10 बिलियन डॉलर की राशि शामिल है. ईरान ने चार अमेरिकी पुरुषों और एक महिला को जेल से रिहा कर दिया है और अब उन्हें एक घर में नजरबंद कर दिया है, उम्मीद है कि अमेरिकियों को जल्द ही निर्वासित कर उनके वतन भेज दिया जाएगा.

इससे पहले अमेरिका में विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन ने कहा था कि तेहरान में कैद 5 अमेरिकियों की रिहाई के बदले ईरान के 6 अरब डॉलर फंड को अनफ्रीज करना राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन की कायरता को साफ दर्शाता है. याद रहे कि व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि ईरान में कैद 5 अमेरिकियों की रिहाई उत्साहवर्धक है और अब उनके अमेरिका वापस लौटने की उम्मीद की जा सकती है. माना जा रहा है कि इन पांचों अमेरिकियों की रहाई 6 अरब डॉलर फंड से जुड़ी हुई है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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