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केरल में अडानी पोर्ट का हिंसक विरोध, 36 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल

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केरल में अडानी पोर्ट का हिंसक विरोध, 36 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल

केरल में अडानी पोर्ट के निर्माण के खिलाफ हिंसक विरोध शुरू हो गया है. लोग सड़कों पर उतर गए हैं. और थानों पर भी हमले कर रहे हैं. बीती रात प्रदर्शनकारियों ने विझिंजम थाने पर हमला कर दिया. इसमें 36 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सभी का नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

दरअसल, विझिंजम में लोग अडाणी पोर्ट नहीं बनने देना चाहते हैं. इसके विरोध में 120 दिनों से प्रोटेस्ट कर रहे हैं. रविवार को पुलिस ने 5 लोगों को अरेस्ट कर लिया. इसी के बाद गुस्साए लोगों ने थाने में हमला कर दिया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ इतनी ज्यादा गुस्से में थी कि लाठी और पत्थरों से पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. इससे पुलिस की 4 जीप, 2 वैन और 20 मोटरसाइकिलों क्षतिग्रस्त हो गईं. थाने में फर्नीचर और जरुरी दस्तावेजों को भी नष्ट कर दिया गया है.

बता दें कि विझिंजम में लोग अडानी पोर्ट निर्माण को रोकने और तटीय कटाव का अध्ययन करने की मांग कर रहे हैं. इनमें स्थानीय निवासी, मछुआरे और लैटिन कैथोलिक सूबा के सदस्य शामिल हैं. 120 दिनों से चल रहे प्रोटेस्ट में बीच-बीच हिंसा भी हुईं. इसी को लेकर विझिंजम पुलिस ने रविवार को ही लैटिन आर्क बिशप थॉमस जे नेट्टो और अन्य पादरियों सहित 50 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. एफआईआर में साजिश रचने और हिंसा में शामिल होने की बात कही गई है. इसी के बाद पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया और हिंसा भड़क गई.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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