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केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, एक अक्टूबर से वैकल्पिक होगी बिजली सब्सिडी

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केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, एक अक्टूबर से वैकल्पिक होगी बिजली सब्सिडी

अंज़रूल बारी

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को ऐलान किया कि एक अक्टूबर से दिल्ली में सिर्फ उन्हीं लोगों को मुफ़्त बिजली मिलेगी, जो लेना चाहेंगे.

दिल्ली के सीएम का ये एलान कैबिनेट की बैठक में हुए फैसले के बाद सामने आया है.

केजरीवाल में कहा कि ‘दिल्ली की कैबिनेट ने गुरुवार को एक बड़े और अहम फ़ैसले पर अपनी सहमति जताई है, अब तक दिल्ली वालों को फ्री बिजली मिलती रही है, और इसके लिए दिल्ली सरकार सब्सिडी देती है.’

‘बीच बीच में मेरे पास कई लोगों के सुझाव आते हैं, चिट्ठियां आती हैं. कई लोगों से जब मैं मिलता हूं तो उनके सुझाव आते हैं कि सर अच्छा है कि आप हमें फ्री बिजली देते हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग सक्षम हैं और हम आपकी सब्सिडी नहीं लेना चा​हते. लोग कहते हैं कि आप इस पैसे को कहीं स्कूल और अस्पताल में लगा सकते हैं.’

केजरीवाल ने आगे कहा, ‘इसलिए हमने तय किया है कि हम लोगों को विकल्प देंगे, हम लोगों से पूछेंगे कि क्या आपको बिजली की सब्सिडी चाहिए. अगर कोई कहेगा कि हमें चाहिए तो देंगे और कहें कि नहीं चाहिए तो नहीं देंगे.’

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में लोगों से पूछने का काम जल्द शुरू होगा. आने वाले एक अक्टूबर से केवल उन्हीं लोगों को सब्सिडी मिलेगी, जो मांगेंगे. जो नहीं मांगेंगे उन्हें सब्सिडी नहीं मिलेगी.

दिल्ली में फ़िलहाल हर महीने 200 यूनिट की बिजली मुफ़्त है, जबकि 400 यूनिट तक ख़पत करने पर 50 फ़ीसदी की सब्सिडी दी जाती है. इसका नतीज़ा है कि मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2022-23 के दौरान बिजली की सब्सिडी के लिए दिल्ली सरकार ने 3,340 करोड़ रुपए का आवंटन किया है.

अरविंद केजरीवाल ने ‘दिल्ली की स्टार्टअप पॉलिसी’ का भी ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार स्टार्टअप शुरू करने वालों का ना सिर्फ पैसे से बल्कि दूसरे तरीक़ों से भी मदद करेगी.

वैसे मुख्यमंत्री के संबोधन का मुख्य ज़ोर आर्थिक मदद देने और दिल्ली के स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करने पर रहा. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में स्टूडेंट्स को हाईस्कूल और कॉलेज के दिनों से ही स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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