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केंद्र की नीतियों के खिलाफ रामलीला मैदान में आज जमा होंगे किसान

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केंद्र की नीतियों के खिलाफ रामलीला मैदान में आज जमा होंगे किसान

आरएसएस से जुड़ा भारतीय किसान संघ आज दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जुट रहा है. उनकी कई मांगे है. संघ सरकार से लंबे समय से नाराज है.

किसान संगठनों की कुछ मांगें हैं कि सभी कृषि उपज को GST मुक्त किया जाए, पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी हुई लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की जाए, अनाज में सब्सिडी के अलावा डीबीटी के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता दी जाए. सिंचाई और नदी लिंक प्रोजेक्ट्स के लिए भी मदद दी जाए. बीकेएस ने इस उद्देश्य के लिए अधिक पैसे देने करने की मांग की है.

बीकेएस कई दिनों से देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने की मांग सहित कई अन्य मांगें कर रहा है. इनमें ग्रामीण कृषि बाजार (ग्राम) में 22 हजार हाट डेवलप करने की मांग भी शामिल है.

इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने, कार्डधारकों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से प्रमाणपत्र की जरूरत के बिना माइक्रो-प्रोसेसिंग फूड यूनिट्स लगाने का लाइसेंस देने की मांग कर रहा है.

भारतीय किसान संघ का कहना है कि सरकार के पास पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का डेटा है. इसके आधार पर ही किसानों को कारोबारी बनने के लिए लाइसेंस दिया जाना चाहिए. इसके लिए अलग से कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत न हो.

भारतीय किसान संघ की किसान गर्जना रैली आयोजित की जा रही है. इस रैली में 50 से 55 हजार किसान व अन्य लोगों के आने की संभावना है. किसान करीब 700 से 800 बस व 4000 प्राइवेट वाहनों में आएंगे. इस कारण रामलीला मैदान व आसपास के इलाकों में सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक ट्रैफिक बड़े पैमाने पर प्रभावित होने की संभावना है. ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली वालों को रामलीला मैदान की तरफ आने से बचने की सलाह दी है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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