Wednesday, April 24, 2024
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कर्नाटक बना ध्रुवीकरण का केंद्र, हिजाब के बाद अब हलाल पर विवाद

अखिलेश अखिल

देश और समाज के भीतर जातीय और धार्मिक विषवमन का ऐसा खेल कभी नहीं देखा गया था जैसा की अभी देखने को मिल रहा है. इस खेल का परिणाम क्या होगा, कोई नहीं जानता लेकिन इतना तो साफ़ है कि जो कुछ भी होता दिख रहा है वह भारत जैसे सेक्युलर देश के लिए ठीक नहीं. घृणित राजनीति का यह खेल अब डराने लगा है.
कर्नाटक में पिछले कई महीनों से जारी हिजाब विवाद के बाद अब हलाल विवाद तूल पकड़ता नजर आ रहा है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने मंगलवार को हलाल मीट बेचने को इकोनॉमिक जिहाद बताया. कर्नाटक में कई दक्षिणपंथी संगठन पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर हिंदुओं से हलाल मीट का इस्तेमाल नहीं करने की अपील कर रहे हैं.
अपील में हिन्दू नव पर्व उगाडी के बाद हलाल मीट का इस्तेमाल न करने को कहा जा रहा है. दरअसल उगाडी के एक दिन बाद हिंदू भगवान को मांस की भेंट चढ़ाते हैं और नया साल सेलिब्रेट करते हैं. हलाल मीट नहीं लेने की अपील कर्नाटक के कुछ इलाकों में हिंदू धार्मिक मेले के दौरान मंदिरों के आसपास मुस्लिम वेंडर्स पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद उठी है.
सीटी रवि ने कहा कि हलाल मीट एक इकानॉमिक जिहाद है. इसका मतलब है कि इसे जिहाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है ताकि मुसलमान दूसरों के साथ बिजनेस न करें. इसे थोपा गया है. जब वो सोचते हैं कि हलाल मीट का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए, तो इसे न इस्तेमाल करने के लिए कहने में क्या गलत है.
उन्होंने कहा कि हलाल मीट को उनके (मुस्लिमों के) भगवान को चढ़ाया जाता है. ऐसे में हिंदुओं के लिए यह मीट किसी के छोड़े हुए खाने की तरह है. रवि ने सवाल किया कि जब मुस्लिम हिंदुओं से मीट खरीदने से इनकार करते हैं, तो आप हिंदुओं से क्यों कह रहे हैं कि वो मुसलमानों से मीट खरीदें?
हलाल मीट के विरोध के सवाल पर भाजपा नेता ने कहा कि ये बिजनेस एकतरफा नहीं बल्कि दोनों तरफ से होता है. उन्होंने कहा कि अगर गैर-मुस्लिम हलाल मीट खाने को तैयार हैं, तभी हिंदू हलाल मीट का इस्तेमाल करेंगे.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मीट विवाद की निंदा की है और हिंदू युवकों से राज्य में शांतिपूर्ण माहौल कायम रखने को कहा है. कुमारस्वामी ने कहा – मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आप इस राज्य को कहां ले जाना चाहते हैं. मैं हिंदू युवकों से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि राज्य का माहौल खराब न करें.
कुमारस्वामी ने राज्य की ऐसी हालत के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा – कांग्रेस ऐसी सरकार को राज्य में लाई है. अब कांग्रेस भाजपा सरकार को अनैतिक बताती है. मौजूदा हालात के लिए न जेडीएस और न ही एचडी कुमारस्वामी जिम्मेदार हैं. कांग्रेस के टॉर्चर की वजह से राज्य के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं, राज्य के 61 प्रगतिशील विचारकों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लेटर लिख धार्मिक नफरत रोकने की अपील की है. उन्होंने लेटर में कहा कि यहां जानबूझकर धार्मिक नफरत पैदा करना शर्मनाक है. लेटर लिखने वालों में के. मरालुसिद्दप्पा, प्रोफेसर एस जी सिद्धरमैया, बोलवार महमद कुन्ही और डॉ. विजय शामिल हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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