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ओडिशा में सभी मंत्री देंगे इस्तीफा, राज्य में बढ़ी सियासी हलचल 

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ओडिशा में सभी मंत्री देंगे इस्तीफा, राज्य में बढ़ी सियासी हलचल 

 

अंज़रुल बारी

 

खबरों से हमेशा दूर रहने वाला ओडिशा अचानक सुर्ख़ियों में आ गया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को सभी मंत्रियों से 5 जून को होने वाले फेरबदल से पहले मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने को कहा. पुरी के दौरे पर आए राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल को राज्य सचिवालय लोक सेवा भवन में होने वाले कार्यक्रम की जानकारी दे दी गई है. राजभवन के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि नए मंत्री रविवार को लोक सेवा भवन परिसर के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होने वाले एक समारोह में सुबह 11.45 बजे पद की शपथ लेंगे.

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने अपना इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. तीन साल पुराने मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल होगा. बताया जा रहा है कि प्रक्रिया को सोमवार तक पूरा किया जाना है, क्योंकि राज्यपाल दो दिनों के बाद ओडिशा से बाहर जाने वाले हैं.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में सीएमओ के सूत्रों के हवाले से बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का भी 20 जून से रोम और दुबई का दौरा करने का कार्यक्रम है और वह अपने प्रस्थान से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल करना चाहते हैं.

बता दें कि ओडिशा में 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस चुनाव में कुल 146 विधानसभा सीटों में से नवीन पटनायक की पार्टी ने 113 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए जबरदस्त बहुमत हासिल किया था. इसके अलावा बीजेपी 23, कांग्रेस 9 और लेफ्ट एक सीट जीती थी. जबकि, एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी. ओडिशा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का जरूरी आंकड़ा 74 है. इस लिहाज से नवीन पटनायक को प्रचंड बहुमत मिला था.

इसी हफ्ते ओडिशा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजू जनता दल को जीत मिली थी. दिसंबर 2021 में बीजेडी विधायक किशोर मोहंती का निधन हो जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी थी. पार्टी ने उपचुनाव में किशोर मोहंती की पत्नी को उतारा था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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