आखिर लंबे इंतजार के बाद लखनऊ की जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन गुरुवार को रिहा हो गये. बुधवार रात कप्पन की रिहाई के आदेश जेल प्रशासन को मिल गए थे. जिला कारागार लखनऊ के जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के आदेश बुधवार की रात मिल गए थे. उन्होंने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर गुरुवार सुबह उसे रिहा कर दिया गया.
दरअसल, पत्रकार सिद्दीक कप्पन पिछले 27 माह से जेल में बंद थे. कप्पन को हाथरस जाते हुए 5 अक्टूबर, 2020 को अशांति फैलाने की साजिश के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. जहां वह एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना से जुड़ी खबर को कवर करने जा रहे थे.
शुरू में कप्पन को शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज कर दिया गया. उस समय यह आरोप लगाया गया था कि वह और उनके साथ गाड़ी में मौजूद लोग अशांति फैलाने और हाथरस गैंगरेप-हत्या के मद्देनजर सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे.
सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 सितंबर जमानत दे दी थी. हालांकि वह फिर भी जेल में रहे और अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के 1 महीने बाद वह बाहर आए हैं.
बता दें कि हाई कोर्ट से कप्पन को प्रवर्तन निदेशालय में दर्ज यूएपीए और आईटी एक्ट समेत सभी मामलों में जमानत मिल गई थी. जिस दौरान वह जेल में थे उनकी मां का निधन हो गया था. इसके बाद उनकी जमानत को लेकर मामला चर्चा का विषय बना था.