Friday, March 29, 2024
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उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग से बड़ा झटका, शिवसेना के सिंबल ‘तीर-धनुष’ को किया फ्रीज

 

महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. दरअसल चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘तीर-धनुष’ को फ्रीज कर दिया है. इलेक्शन कमीशन के इस फैसले से उद्धव गुट के साथ साथ शिंदे गुट को भी झटका लगा है. आयोग के इस फैसले के बाद अब न तो उद्धव ठाकरे ग्रुप और ना ही एकनाथ शिंदे ग्रुप इस चुनाव निशान का इस्तेमाल कर पाएंगे.

चुनाव आयोग का ये फैसला अंधेरी ईस्ट के उप चुनाव से पहले आया है. चुनाव आयोग ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि शिवसेना के चुनाव निशान को दोनों में से किसी भी ग्रुप को इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिलेगी.

आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों को 10 अक्टूबर की दोपहर एक बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए हैं. ताकि दोनों पक्ष नए चुनाव चिन्ह के लिए अपनी – अपनी प्राथमिकताओं को आयोग को बता दें. चुनाव आयोग ने शनिवार को जारी किए गए अपने आदेश में कहा है कि शिवसेना महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त पार्टी है. जिसका चुनाव निशान ‘धनुष और तीर’ है. शिवसेना के संविधान के प्रावधानों के मुताबिक, पार्टी में उच्च स्तर पर एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी है.

गौरतलब है कि इसके पहले एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के खिलाफ बगावत कर दी थी. शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ शिवसेना के 55 में से 40 से अधिक विधायकों को तोड़ दिए थे. जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इतना ही नही एकनाथ शिंदे के समर्थन में शिवसेना के 18 में से 12 लोकसभा सांसद भी आ गए थे. इन विधायकों और सांसदों ने खुद मिलकर इस बात का दावा किया कि असली शिवसेना उनकी है न कि उद्धव ठाकरे की जिन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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