महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है. दरअसल चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘तीर-धनुष’ को फ्रीज कर दिया है. इलेक्शन कमीशन के इस फैसले से उद्धव गुट के साथ साथ शिंदे गुट को भी झटका लगा है. आयोग के इस फैसले के बाद अब न तो उद्धव ठाकरे ग्रुप और ना ही एकनाथ शिंदे ग्रुप इस चुनाव निशान का इस्तेमाल कर पाएंगे.
चुनाव आयोग का ये फैसला अंधेरी ईस्ट के उप चुनाव से पहले आया है. चुनाव आयोग ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि शिवसेना के चुनाव निशान को दोनों में से किसी भी ग्रुप को इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिलेगी.
आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों को 10 अक्टूबर की दोपहर एक बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए हैं. ताकि दोनों पक्ष नए चुनाव चिन्ह के लिए अपनी – अपनी प्राथमिकताओं को आयोग को बता दें. चुनाव आयोग ने शनिवार को जारी किए गए अपने आदेश में कहा है कि शिवसेना महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त पार्टी है. जिसका चुनाव निशान ‘धनुष और तीर’ है. शिवसेना के संविधान के प्रावधानों के मुताबिक, पार्टी में उच्च स्तर पर एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी है.
गौरतलब है कि इसके पहले एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के खिलाफ बगावत कर दी थी. शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ शिवसेना के 55 में से 40 से अधिक विधायकों को तोड़ दिए थे. जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इतना ही नही एकनाथ शिंदे के समर्थन में शिवसेना के 18 में से 12 लोकसभा सांसद भी आ गए थे. इन विधायकों और सांसदों ने खुद मिलकर इस बात का दावा किया कि असली शिवसेना उनकी है न कि उद्धव ठाकरे की जिन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.