Friday, March 29, 2024
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ईरान में हिरासत में लड़की की मौत पर विरोध जारी, अब तक 76 लोगों की मौत, 900 घायल

 

ईरान में हिजाब को लेकर पुलिस हिरासत में एक लड़की माहसा अमीनी की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. ये विरोध प्रदर्शन अब ईरान के अधिकतर शहरों तक फैल गया है. इस बीच प्रदर्शक्रियों और सुरक्षा बलों के बीच हो रहे टकराव में 76 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 900 लोग घायल हो गए हैं.

 

तेहरान की एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक ईरान के अलग-अलग शहरों में 11वें दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इस कार्रवाई में 1200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. ईरानी सरकार ने विभिन्न शहरों में इंटरनेट को बंद कर रखा है. इस बीच छात्रों ने ईरान के कई शहरों में विश्वविद्यालयों में कक्षाओं का बहिष्कार किया. समाचार एजेंसी के अनुसार ईरान में कुछ विश्वविद्यालय शिक्षकों ने भी विरोध में अपने इस्तीफे की घोषणा की है।

 

दूसरी ओर, समाचार एजेंसी का कहना है कि सरकार ने गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए विशेष अदालतें स्थापित की हैं. हालांकि ईरानी सरकार ने वीडियो जारी कर कहा है कि माहसा अमीनी की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई है. बावजूद इसके सरकार के खिलाफ प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. समाचार एजेंसियों के मुताबिक जहां एक तरफ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं सरकार और हिजाब के समर्थन में भी लोग सड़कों पर उतर आए हैं. सरकार के समर्थन में उतरे लोग हिजाब को सख्ती से लागू करने की वकालत कर रहे हैं.

 

उधर तेहरान की इब्राहिम रईसी सरकार ने एक बार फिर देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर विदेशी ताकतों खासकर अमेरिका और इज़राइल को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि वो ईरान में लोगों को बहकाना बंद करें. ईरानी सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों के लिए विदेशी शक्तियों को जिम्मेदार बताया है. बता दें कि 16 सितंबर को एक लड़की मेहसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. मेहसा अमिनी को तेहरान में हेडस्कार्फ़ नहीं पहनने के कारण हिरासत में लिया गया था.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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