तेहरान: ईरान में इस्लामी इंकलाब की जड़ों को मजबूती प्रदान करने के मकसद से और बार बार महिला ड्रेस कोड को लेकर उठ रहे सवालों के बीच ईरान की संसद ने एक ऐसा बिल पारित किया है, जिससे ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वाली लड़कियों और महिलाएं को अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है. ये बिल गार्डियन काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद कानून की शक्ल ले लेगा.
बता दें कि पिछले साल 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे. हालांकि ईरान ने इन विरोध प्रदर्शनो को अमेरिका और यूरोप द्वारा प्रायोजित साजिश करार देते हुए सीधे सीधे इन देशों को जिम्मेदार करार दिया था.
महसा को कथित तौर पर हिजाब पहनने के नियम के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया गया था, ईरानी पुलिस का दावा है कि महसा की मौत बीमारी के सबब हुई थी जबकि प्रदर्शनकारी इसे पुलिस प्रताड़ना से हुई मौत करार देते रहे.
वहीं, देश में ऐसी महिलाओं और लड़कियों की संख्या बढ़ रही है जो अब हिजाब को ना सिर्फ पहनती हैं बल्कि उसे बढ़ावा देने के लिए सरकार पर बराबर कानून बनाने का भी दबाव डालती रही है. मौजूदा समय में, अगर लड़कियां या महिलाएं ड्रेस कोड का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें 10 दिन से लेकर दो महीने तक की जेल हो सकती है.
बुधवार को सांसदों ने ‘हिजाब और चेस्टिटी बिल’ विधेयक पारित किया. अगर ये बिल कानून बनता है तो इसका उल्लंघन करने वाली लड़कियों और महिलाओं पांच से 10 साल तक की सजा हो सकती है.
गौरतलब है कि ईरान एक इस्लामी देश है, जो अपने देश में इस्लामी शरिया को ध्यान में रखते हुए बराबर इस तरह की क़ानून बनाने की कोशिश में रहा है ताकि ईरान में मुसलमान अपनी शरीयत के अनुसार इस्लामी उसूलों का पालन कर सकें.