Home ताज़ातरीन इस्फहान में सेना के हथियार निर्माण सेंटर के पास धमाका, ईरान सरकार ने कहा ‘माइक्रो ड्रोन’ से हुआ हमला

इस्फहान में सेना के हथियार निर्माण सेंटर के पास धमाका, ईरान सरकार ने कहा ‘माइक्रो ड्रोन’ से हुआ हमला

0
इस्फहान में सेना के हथियार निर्माण सेंटर के पास धमाका, ईरान सरकार ने कहा ‘माइक्रो ड्रोन’ से हुआ हमला

सेंट्रल ईरान के इस्फहान शहर में स्थित सेना के एक ठिकाने पर जबरदस्त धमाके की ख़बर है. ईरान की सरकारी मीडिया आईआरआईबी और न्यूज़ एजेंसी आईआरएनए ने बताया है कि ये धमाका रक्षा मंत्रालय के पास हथियारों के निर्माण करने वाले एक सेंटर में हुआ है.

हालांकि कुछ देर बाद ही ईरानी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ये धमाका ‘माइक्रो ड्रोन’ के ज़रिए किया गया था, और ये एक असफल हमला’ साबित हुआ है.

न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया बताया है कि, “एयर डिफेन्स सिस्टम ने एक ड्रोन को नाकाम कर दिया है, जबकि दो अन्य ड्रोन हमारे जाल में फंसे और धमाके के साथ नष्ट कर दिए गए. किस्मत से ये एक नाकाम हमला था और इसमें जान-माल का कोई नुक़सान नहीं हुआ है. हालांकि इससे हमारे वर्कशॉप की छत को हल्का नुक़सान पहुंचा है.”

एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय को कोड करते हुए कहा है कि इस हमले से न तो देश के ठिकानों को और मिशन को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है, इस तरह के अंधाधुंध हमले देश की तरक्की को बाधित नहीं कर सकेंगे.

सोशल मीडिया पर धमाके के वीडियो देखे जा सकते हैं. इसमें देखा जा सकता है कि एक व्यस्त सड़क के किनारे बने सैन्य सेंटर में अचानक पहले एक तेज़ धमाके के साथ आग का एक गोला दिखता है, जिसके बाद धुंए का ग़ुबार उठता हुआ दिखाई देता है.

बता दें कि इस्फहान शहर ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा है और यहां यूरेनियम प्रोसेसिंग केंद्र भी हैं.

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि बीते कुछ सालों में ईरानी सैन्य ठिकानों, परमाणु और कारखानों के आसपास कई धमाके हुए हैं और आग लगने की घटनाएं हुई हैं.

याद रहे कि 2021 में ईरान के नतांज़ न्यूक्लियर प्रोसेसिंग सेंटर में बिजली गुल हो गई थी जिसके कारण वहां उत्पादन रुक गया था. ईरान ने इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था और उस पर छद्म युद्ध का आरोप लगाया था. इज़राइल बराबर ईरान को खतरा बताते हुए नाकाम हमले की कोशिश करता रहा है.

Previous article तेहरान में दूतावास से राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाने की अज़रबैजान की घोषणा
Next article राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन का बदला गया नाम, नई पहचान अमृत उद्यान 31 जनवरी से खुलेगा
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here