Home खेल इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान आपस में भिड़े फैंस, 127 लोगों की मौत, 180 से अधिक घायल

इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान आपस में भिड़े फैंस, 127 लोगों की मौत, 180 से अधिक घायल

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इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान आपस में भिड़े फैंस, 127 लोगों की मौत, 180 से अधिक घायल

 

इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान हिंसा भड़क गई. दरअसल शनिवार रात पूर्वी जावा के मलंग रीजेंसी के कांजुरुहान स्टेडियम में पर्सेबाया सुरबाया क्लब और अरेमा एफसी के बीच मैच हो रहा था. मैच में अरेमा एफसी की टीम हार गई. इसके बाद दोनों टीम के फैंस आपस में भिड़ गए, हिंसा इतनी ज्यादा बढ़ गई कि अब तक 127 लोग मारे जा चुके हैं और 180 लोगों से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल बताए जा रहे हैं.

खबरों के मुताबिक हार से बौखलाए अरेमा एफसी के फैंस आपस में ही एक दूसरे से भिड़ गए. लड़ाई के बाद वहां भगदड़ मच गई. बताया जा रहा है कि ज्यादातर लोगों की मौत भगदड़ में ही हुई है. स्टेडियम में हुए इन दंगों के बाद खेलों को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया है. मरने वालों में कुछ पुलिस के लोग भी शामिल हैं, कहा ये भी जा रहा है कि पुलिस प्रशासन हिंसक भीड़ को काबू में कर पाने में नाकाम रहा. खबरों के मुताबिक स्टेडियम में क्षमता से ज्यादा लोग मैच देखने के लिए पहुंच गए थे.

पूर्वी जावा प्रांत में इंडोनेशिया के पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने बताया कि अरेमा एफसी और पर्सेबाया सुरबाया के बीच एक मैच के बाद हार से बौखलाए फैंस मैदान में आ कर हिंसा और उत्पात करने लगे. हालात बेकाबू होता देख पुलिस के जवानों को गैस छोड़नी पड़ी, जिसके बादभगदड़ मच गई और दम घुटने के मामले सामने आए है. अफिंटा ने रविवार को एक बयान में कहा कि घटना में 127 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से दो पुलिस अधिकारी हैं. स्टेडियम में 34 लोगों की मौत हुई है, जबकि अधिकतर घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ा है.

इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ पीएसएसआई ने एक बयान जारी कर घटना पर खेद व्यक्त किया है और कहा कि खेल के बाद जो कुछ हुआ, उसकी जांच शुरू करने के लिए एक टीम मलंग के लिए रवाना हो गई है. पीएसएसआई ने कांजुरुहान स्टेडियम में अरेमा समर्थकों की हिंसा पर खेद जताया. उन्होंने कहा कि हमें खेद है और पीड़ितों के परिवारों और घटना के लिए सभी पक्षों से माफी मांगते हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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