Home ताज़ातरीन इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स ने सांप्रदायक माहौल और नफरती बयानों पर गहरी चिंता व्यक्त की

इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स ने सांप्रदायक माहौल और नफरती बयानों पर गहरी चिंता व्यक्त की

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इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स ने सांप्रदायक माहौल और नफरती बयानों पर गहरी चिंता व्यक्त की

अहमदाबाद में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय सम्मेलन के लिए आयोजक एवं संयोजक गुजरात अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी प्रदेश अध्यक्ष वजीर पठान और सहसंयोजक नासिर पठान एवं मिर्जा असलम बैग तथा संगठन महासचिव डॉ. आजम बेग का संयुक्त बयान, कॉन्फ्रेंस की तैयारी के लिए आज सुबह अहमदाबाद पहुंचे डॉक्टर आजम बेग.

उन्होंने कहा ,26 अगस्त को सुबह 10 बजे अहमदाबाद के टैगोर हॉल में पूर्व केंद्रीय मंत्री, शिक्षा विशेषज्ञ, बुद्धिजीवी और नागरिक समाज की महत्वपूर्ण हस्तियां भाग लेंगे.

अहमदाबाद (गुजरात): इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) नफरत भरे भाषण और सांप्रदायिक बयानों पर गहरी चिंता व्यक्त करता है, संगठन का मानना है कि चुनाव जीतने के लिए इस तरह के नफरत भरे भाषण समाज में जहर घोल रहे हैं, आपसी भाईचारे के लिए चिंता का विषय हैं. ये विचार आईएमसीआर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा के लिए अहमदाबाद पहूंचे संगठन महासचिव डॉ. आजम बेग ने व्यक्त किये.

उन्होंने कहा कि इस वक्त देश गंभीर दौर से गुजर रहा है. देश के संविधान की हत्या करने की कोशिश की जा रही है. विपक्षी सदस्यों को सदन में बोलने से रोका जा रहा है. संसद में जनता के मुद्दों पर चर्चा की बजाय विपक्षी नेताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है. विपक्षी नेताओं के लिए सरकार से सवाल पूछना मुश्किल हो रहा है. अब सदन में न तो महंगाई पर चर्चा होती है और न ही बेरोजगारी पर. मणिपुर पर केंद्र सरकार का व्यवहार बड़ा सुरक्षा ख़तरा बन गया है. सरकार का रवैया न सिर्फ दुखद है बल्कि भविष्य में सुरक्षा के लिए भी समस्या बन सकता है.

कांफ्रेंस की तैयारियों का जायजा लेने अहमदाबाद पहुंचे डॉ. आजम बेग ने कहा कि यह समय देश और संविधान को चुनौतियों से बचाने का है. सुबह 10 बजे रवींद्र नाथ टैगोर हॉल में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. जिस में लोगों को संविधान के साथ-साथ लोकतंत्र के अस्तित्व के बारे में जागरूक करने के लिए विचार विमर्श होगा. उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य राजनीतिक दलों के बीच एकता को बढ़ावा देना, वर्षों से जेल में बंद निर्दोष नागरिकों की पैरवी करना, संविधान की रक्षा करना और मीडिया, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के साथ-साथ मुस्लिम नेताओं के सकारात्मक उपयोग को बढ़ावा देना और उनकी पहचान के साथ-साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी मजबूत करना होगा.

सम्मेलन में भाग लेने वालों का जिक्र करते हुए डॉक्टर आजम बेग ने कहा कि इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने-माने वकील सलमान खुर्शीद, राज्यसभा के पूर्व उपसभापति और केंद्रीय मंत्री के रहमान खान, आईएमसीआर अध्यक्ष और पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब, गुजरात कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा सैयदेन हमीद, बसपा सांसद कंवर दानिश अली, गुजरात विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता और प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया. महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आज़मी, सीपीआई राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद सैयद अजीज पाशा, एनसीपी प्रवक्ता और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नसीम अहमद सिद्दीकी, गांधीवादी विचारक प्रो. वी.के.त्रिपाठी, कांग्रेस नेता मुमताज अहमद पटेल और राष्ट्रीय संयोजक कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा एवं शिक्षाविद्, डॉ. आजम बेग, कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष एवं सम्मेलन संयोजक वजीर खान पठान, उपाध्यक्ष नासिर खान पठान, मिर्जा असलम बेग समेत देश-प्रदेश की प्रमुख हस्तियां संबोधित करेंगी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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