Home चुनाव आज राष्ट्रपति चुनाव : एनडीए और विपक्ष में भिड़ंत 

आज राष्ट्रपति चुनाव : एनडीए और विपक्ष में भिड़ंत 

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आज राष्ट्रपति चुनाव : एनडीए और विपक्ष में भिड़ंत 

 

देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. ऊपर से देखने में यह भले ही चुनाव लगे लेकिन जो हालत है उससे साफ़ लगता है कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत पक्की है. करीब 61 फीसदी वोट मुर्मू के साथ जाते दिख रहे हैं. इसके लिए एनडीए ने कई बड़े खेल किये. झामुमो को पटाया तो शिवसेना को तोड़ा. उधर विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी मैदान में खम ठोक कर खड़े हैं. देश भर में घूमकर उन्होंने राष्ट्रपति की भूमिका को जनता के सामने रखा और साफ़ किया है कि मौजूदा समय में किसी रबर स्टाम्प राष्ट्रपति की जगह संविधान की रक्षा करने वाले राष्ट्रपति की जरूरत है. यशवंत सिन्हा वैसे वोटों के हिसाब से तो पिछड़ते नजर आ रहे हैं लेकिन अगर क्रॉस वोटिंग हो गई तो खेल कुछ दुसरा ही हो सकता है. बाजी पलट भी सकती है.

इस मतदान में 4800 निर्वाचित सांसद और विधायक हिस्सा लेंगे. चुनाव में राजग उम्मीदवाद द्रौपदी मुर्मू की जीत और इसके साथ ही देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहली बार आदिवासी महिला की ताजपोशी तय है. द्रौपदी 27 दलों के समर्थन और करीब 6.65 लाख मत के सहारे विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से बहुत आगे निकल गई हैं. महज 14 दलों का समर्थन के साथ सिन्हा को करीब 3.62 लाख वोट ही मिलने की उम्मीद है.

राजग के पास करीब 49 फीसदी तो संयुक्त विपक्ष के पास 51 फीसदी वोट होने के कारण एक समय इस चुनाव में कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही थी. हालांकि उम्मीदवारों की घोषणा और मतदान की तारीख आते-आते विपक्ष में लगातार बिखराव होता गया. नौबत यहां तक आई कि विपक्षी बैठक में उम्मीदवार के रूप में यशवंत का समर्थन करने वाले दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), जेडीएस जैसे दलों ने भी राजग के उम्मीदवार को समर्थन की घोषणा कर दी.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन परिसर और राज्य विधानसभाओं में मतदान सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक होना है. संसद भवन परिसर में मानसून सत्र के शुरू होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जे पी नड्डा और अमित शाह ने वोट डाला और उसके बाद सरकार के तमाम वरिष्ठ मंत्री और सांसद ही नहीं, विपक्ष के नेता-सांसद भी अपने अपने वोट डाल रहे हैं.

विपक्ष में बिखराव का मुख्य कारण बीजेपी की ओर से झारखंड की राज्यपाल रहीं मुर्मू के जरिए खेला गया आदिवासी और महिला कार्ड था. इस कार्ड के जरिए बीजेपी राजग में एकजुटता कायम रखने के साथ विपक्षी खेमे में बड़ा सेंध लगाने में कामयाब हुई. इसी दांव के कारण राजग से अलग अकाली दल, झामुमो, बीजेडी, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, शिवसेना, बसपा, एसबीएसपी, राजाभैया की पार्टी मुर्मु के पक्ष में खड़ी हुई. चुनाव आते-आते यशवंत के पास कांग्रेस, वामदल, आप, टीएमसी, एसपी, राजद, एनसीपी, सपा, रालोद, टीआरएस, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस एम का ही समर्थन बच गया.

विपक्ष में बिखराव के बाद अब सिन्हा के सामने क्रॉस वोटिंग का भी खतरा है. सपा विधायक शिवपाल यादव ने पहले ही मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है. जबकि झारखंड में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में वोट देने की अपील की थी. बीजेपी को पश्चिम बंगाल में पशोपेश में फंसी टीएमसी में भी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है. इसी तरह से कुछ उम्मीद यशवंत सिन्हा को भी क्रॉस वोट कर सकते है. वो मानकर चल रहे हैं कि सांसद – विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज पर अपना पाला बदलेंगे और उनके फेवर में वोट डालेंगे. हालांकि इसकी सम्भावना अभी कम ही दिख रही है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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