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आज पाकिस्तान में सरप्राइज पर सबकी निगाहें

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आज पाकिस्तान में सरप्राइज पर सबकी निगाहें

अंज़रुल बारी

पाकिस्तान की इमरान सरकार बचेगी या जाएगी इस पर आज फैसला होना है. इमरान सरकार को लेकर पाकिस्तान से लेकर तमाम पड़ोसी देशों में भी हलचल है. भारत की भी निगाह इस पर टिकी हुई है. जिस तरह से पिछले कुछ महीने में इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी नेता एकजुट हुए है, उसके बाद तो यही लग रहा है कि आज सरकार गिर सकती है.
अगर सब कुछ संविधान के हिसाब से होता है और स्पीकर निष्पक्ष रहते हैं तो इमरान सरकार का घर जाना तय माना जा सकता है. शनिवार रात इमरान ने अपने घर पार्टी सांसदों को बुलाया. जियो न्यूज के मुताबिक, इस मीटिंग में महज 140 सांसद ही पहुंचे. दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन का आंकड़ा 200 से ज्यादा हो गया है. यानी वोटिंग से पहले ही इमरान सरकार बहुमत खो चुकी है.
शनिवार शाम इमरान ने अचानक अवाम से लाइव सेशन में फोन पर बातचीत की. उनके सवालों के जवाब दिए. मजे की बात यह है कि 11 फोन कॉल्स में से 8 उन लोगों की थीं जो दूसरे देशों में रहते हैं. हर किसी ने इमरान और उनकी सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़े. वजीर-ए-आजम ने फौज के न्यूट्रल होने पर तंज कसा. नमाज का हवाला देते हुए कहा – या तो आप अच्छे के साथ होते हैं या बुरे के. न्यूट्रल कोई नहीं होता. अविश्वास प्रस्ताव अपोज़ीशन और अमेरिका की साजिश है. रविवार को पूरा मुल्क सड़कों पर निकले और इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन करे. आज जनता क्या करती है इस पर भी सबकी निगाहें हैं.
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इस्लामाबाद में तमाम सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है. करीब 3 हजार पुलिसकर्मी संसद के आसपास तैनात किए गए हैं. इसके अलावा रेंजर्स को भी स्टैंडबाय रखा गया है. एक तरफ इमरान खान के समर्थक राजधानी में जुट रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष भी अपने समर्थकों के साथ तैयार है. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के पहले या बाद में दोनों पक्षों के समर्थक हिंसा फैला सकते हैं.
अविश्वास प्रस्ताव से पहले पाकिस्तान की सियासत में कुछ बहुत बड़ा और खतरनाक होने के आसार नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ कर दिया है कि वो ‘संडे सरप्राइज’ देने जा रहे हैं. उनके इस कथित सरप्राइज की कुछ जानकारी छन-छनकर बाहर आ रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो अब किसी भी वक्त अपोजिशन के तमाम लीडर्स को गिरफ्तार किया जा सकता है. इसके पहले उनके खिलाफ देशद्रोह के केस दर्ज करने की तैयारी कर ली गई है. वैसे, तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को तीन बड़ी बातें हो सकती हैं. 1-अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा. 2- स्पीकर ने चाहा तो वोटिंग. 3- इस्लामाबाद में इमरान की रैली.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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