Home ताज़ातरीन आई.एम.सी.आर बैठक में मणिपुर हिंसा पर जताई गई चिंता, विभिन्न मुद्दों पर भी हुई विस्तार से चर्चा

आई.एम.सी.आर बैठक में मणिपुर हिंसा पर जताई गई चिंता, विभिन्न मुद्दों पर भी हुई विस्तार से चर्चा

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आई.एम.सी.आर बैठक में मणिपुर हिंसा पर जताई गई चिंता, विभिन्न मुद्दों पर भी हुई विस्तार से चर्चा

नई दिल्ली: इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स (आई.एम.सी.आर) की अहम बैठक रविवार को संगठन मुख्यालय में आयोजित हुई. बैठक में मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए संस्था के चेयरमैन मोहम्मद अदीब ने कहा, जो वीडियो मणिपुर हिंसा में लीक हुए हैं, उन्हें देख ऐसा लगता है जैसे इंसानियत खत्म हो चुकी है, उन्होंने हैरत जताते हुए कहा, जब राज्य का सीएम खुद बता रहा है कि यह तो एक वीडियो है, इस जैसे सैंकड़ों वीडियो है जो अभी सामने नहीं आए हैं. मोहम्मद अदीब ने कहा कि मणिपुर हिंसा सिर्फ एक राज्य में हिंसा भर नहीं है बल्कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा संगीन मसला है, उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा, भाजपा संसद में आर्टिकल 276 के तहत सदन में बहस कराए और राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से फौरन इस्तीफा लेकर राष्ट्रपति शासन लागू करे.

 

बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जेड.के फैजान ने कहा, स्टे के कारण पहले मस्जिद का हौज मुसलमानों के हाथ से गया, अब मस्जिद का सर्वे करने के अदालत के आदेश से गलत नजीर बनेगी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए न सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद केस में बल्कि देश में इस तरह की किसी भी कार्रवाई रोक लगानी चाहिए.

बैठक में आई.एम.सी.आर द्वारा देश भर मुस्लिमों, दलितों पर हो रहे अत्याचार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर लटकती तलवार और देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान जैसे विषयों पर राष्ट्रपति से जल्द ही मुलाकात को लेकर भी बातचीत हुई, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फुजैल अहमद अय्यूबी ने राष्ट्रपति को सौंपे जाने वाले ड्राफ्ट का जिक्र करते हुए बताया कि संस्था के अहम सदस्य और विभिन्न पार्टियों के नेताओं को साथ लेकर राष्ट्रपति से जल्द ही मुलाकात का समय मांगा जाएगा और उनसे मुसलमानों, दलितों पर हो रहे अत्याचार, एएमयू के माइनोरिटी स्टेटस पर ज्ञापन सौंप हस्तक्षेप किए जाने की मांग की जाएगी. इस दौरान सभी प्रदेश संयोजक, कमेटियों, एवं सदस्यों सेहस्ताक्षर किए हुए पेपर्स को 31 जुलाई 2023 तक दिल्ली मुख्यालय पहुंचाने की हर संभव कोशिश करें.

बैठक में लॉ कमीशन द्वारा यूसीसी को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें यह तय किया गया कि संस्था जल्द ही पत्र भेज कर अपनी राय से आयोग को आगाह करेगी, संगठन के महासचिव सैय्यद मसूद हुसैन का कहना था कि जब तक ड्राफ्ट सामने नहीं आ जाता है, इस विषय पर मुस्लिम समुदाय को हर तरह के जलसे, जुलूस और प्रदर्शन से बचना चाहिए. संगठन के आर्गनाइटिंग महासचिव डॉ. आज़म बेग का कहना था कि यह यूसीसी का मामला मुसलमानों के साथ साथ देश में रह रही अलग अलग जातियों और धर्मों के मानने वालों के लिए ज्यादा संगीन मामला है, उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस मुद्दे पर खामोशी अख्तियार कर विभिन्न धर्मों और जातियों से भी इसके बुरे परिणाम से उन्हें अवगत कराना चाहिए.

करीब 3 घंटे चली इस अहम बैठक में यह भी तय किया गया की अगस्त के आखिर में अहमदाबाद जबकि सितंबर महीने में प्रयागराज (इलाहाबाद) में संस्था द्वारा आई.एम. सी.आर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान सभी वरिष्ठ सदस्यों द्वारा 9 जुलाई को आजमगढ़ जनपद में आई.एम.सी.आर कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन पर सराहना एवं आजमगढ़ वासियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया गया. इसके अलावा बैठक में आर्थिक रूप से आई.एम.सी.आर संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत बनाने करने पर भी विस्तृत चर्चा हुई.

बैठक में आई.एम.सीआर के सभी लाइफ मेंबरस से दरखास्त की गई कि वह अपना डोनेशन राशि शीघ्र ही आई.एम.सी.आर के बैंक अकाउंट में जमा कराने का कोशिश करें और जो लोग भी लाइफ मेंबर बनना चाहते हैं उन से चर्चा कर उनकी ओर से भी डोनेशन राशि अकाउंट में भेजने में उनका सहयोग करें.

साथ ही आई.एम.सी.आर महाराष्ट्र इकाई के गठन पर प्रबंध कार्यकारिणी की ओर से सहमति, कुछ और नामों को संगठन में जगह देने पर विचार किया गया. साथ ही यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, जहां प्रदेश स्तर पर कॉन्फ्रेंस हो चुकी है वहां पर भी प्रदेश के जिम्मेदारों से चर्चा करके फौरन राज्य इकाई के गठन पर ज़ोर दिया गया.

दिल्ली में जामिया नगर स्थित आई.एम.सी.आर बैठक की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने की, जबकि बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य और राष्ट्रीय जल आयोग के पूर्व चेयरमैन सैय्यद मसूद हुसैन, वरिष्ठ अधिवक्ता और संस्था के ट्रेज़रार फुजैल अहमद अय्युबी, संस्था के संस्थापक सदस्य और जेएनयू के पूर्व प्रो. सलीम किदवई, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं संस्थापक सदस्य जेड के फैजान, संस्थापक सदस्य एवं जाने माने सीए मोहम्मद यामीन कुरैशी, संगठन के संस्थापक सदस्य इंजीनियर इमलाक खान, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद इलियास सैफी, वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्थापक सदस्य अंजरूल बारी, वरिष्ठ पत्रकार अजीज हैदर, और राष्ट्रीय संगठन महासचिव डॉक्टर आजम बैग भी मौजूद रहे.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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