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अमेरिकी सांसद इल्हान उमर के पीओके दौरे पर भारत को आपत्ति

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अमेरिकी सांसद इल्हान उमर के पीओके दौरे पर भारत को आपत्ति

अंज़रूल बारी

अमेरिका की महिला सांसद इल्हान उमर ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके की यात्रा की है. इस यात्रा के बारे में उन्होंने भारत को कोई सुचना नहीं दी. अब उनकी इस यात्रा पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. भारत ने अमेरिकी महिला सांसद इल्हान उमर के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति को प्रदर्शित करता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने वीकली प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी महिला सांसद इल्हान उमर की पाक अधिकृत कश्मीर की यात्रा पर तीखी आलोचना की है. अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य अभी पाकिस्तान के चार दिवसीय यात्रा पर हैं. बागची ने कहा कि हमने उनकी भारतीय संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के एक इलाके में यात्रा की खबरों को देखा है, जो अभी पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं.
उन्होंने कहा कि मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि अगर कोई ऐसी राजनीतिज्ञ अपनी संकीर्ण मानसिकता को प्रदर्शित करती हैं, तब यह उनका काम है. उन्होंने कहा कि इस क्रम में हमारी क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का उल्लंघन होता है. तब हम समझते हैं कि यह यात्रा निंदनीय है. बता दें कि बागची से इल्हान उमर की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की यात्रा के बारे में सवाल पूछा गया था.
बता दें कि पाकिस्तान पहुंचने के बाद इलहान उमर ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद चौधरी के साथ प्रेस वार्ता के दौरान मानवाधिकार का मुद्दा भी उठाया.उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसपर कांग्रेस के अंदर और बाइडन प्रशासन में उतनी बात हो रही है, जितनी ज़रूरत है. इस यात्रा से मेरी उम्मीद ये है कि अब मानवाधिकार और इसके लिए काम करने वालों पर ज़्यादा चर्चा होगी. कश्मीर का सवाल भी इसमें शामिल होगा.”
अमेरिकी राज्य मिनेसोटा से निर्वाचित होने वाली 39 वर्षीय इलहान उमर, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के इतिहास में उन पहली दो मुस्लिम महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने प्रतिनिधि सभा तक पहुंच हासिल की है. वह डेमोक्रेटिक पार्टी से जुडी हुई हैं. पिछले साल, इलहान उमर ने इस्लामोफ़ोबिया के ख़िलाफ़ अमेरिकी कांग्रेस में एक बिल पेश किया था जिसे पारित किया गया था. व्हाइट हाउस ने भी इस बिल का समर्थन किया था.
वह अमेरिका में मानवाधिकारों के हनन, नस्लवाद और इस्लामोफ़ोबिया से लेकर ग़ज़ा और भारत प्रशासित कश्मीर में रहने वाले लोगों के अधिकारों के मुद्दों पर अपनी आवाज़ उठाती हैं.
इलहान उमर ने प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़, राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और अन्य सरकारी नेताओं से भी मुलाक़ात की है.
अफगानिस्तान में आतंकी हमलों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत उस देश में घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि हमने कुछ आतंकी हमलों की खबरों को देखा है. हमने हमेशा आतंकवादी हमलों की निंदा की है. हम वहां के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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